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Heated Debate On Rahul Bhat Murder: heated debate on TV Channel over Rahul Bhat murder in Kashmir: Why Kashmiri Pandits are being killed heated debate on TV Channel: Debate on killing of Kashmiri Pandits after Rahul Bhat murder: राहुल, दीपक, माखनलाल… क्‍यों कश्मीरी पंडितों की हो रही हत्या? गुस्‍से में दिया जवाब- ‘हिंदू लाइफ डसन्‍ट मैटर’


Heated debate on TV Channel over Rahul Bhatt murder in Kashmir: तहसील कर्मचारी राहुल भट्ट (Rahul Bhat) की 12 मई को हत्‍या के बाद कश्‍मीरी पंडितों की सुरक्षा के मसले ने फिर तूल पकड़ लिया है। सवाल उठने लगा है कि आखिर कश्‍मीर में हिंदुओं को निशाना क्‍यों बनाया जा रहा है। इसके पहले 7 अक्‍टूबर को आतंकियों ने प्रिंसिपल सतिंदर कौर और अध्‍यापक दीपक चंद की हत्‍या कर दी थी। 5 अक्‍टूबर को माखनलाल बिंद्रू को मौत के घाट उतारा गया था। 17 सितंबर को कॉन्‍स्‍टेबल बंटू शर्मा को जान से हाथ धोना पड़ा था। 8 जून को सरपंच अजय पंडिता की जान गई थी। यह सिलसिला मानों थमने का नाम नहीं ले रहा है। राहुल भट्ट की हत्‍या के बाद तमाम चैनलों पर भी इसे लेकर चर्चा शुरू हो गई। ऐसी ही एक चर्चा में शामिल होने के लिए कश्‍मीर मामले की जानकारी रखने वाले कई एक्‍सपर्ट्स जुड़े थे। उन्‍होंने इस सवाल का जवाब दिया कि क्‍यों कश्‍मीरी पंडितों की हत्‍या का सिलसिला रुक नहीं रहा है।

कश्‍मीरी पंडित और कश्‍मीर मामलों के जानकार ललित अंबरदार ने कहा कि पूर्व की सरकारों ने आर्टिकल 370 और 35ए के जरिये श्रीनगर और दिल्‍ली के बीच दूरी पैदा की। कश्‍मीर में एक छोटा-मोटा पाकिस्‍तान फल-फूल रहा था। 5 अगस्‍त 2019 को मोदी सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया। सनातनी सोच को आगे बढ़ाते हुए सरकार ने 370 और 35ए को हटा दिया। लेकिन, जो फायदा इसका होना चाहिए वो मिला नहीं है। इसके लिए उन्‍होंने जम्‍मू-कश्‍मीर यूनिट के बीजेपी कार्यकर्ताओं और आरएसएस वर्कर्स को जिम्‍मेदार ठहराया। उनके मुताब‍िक, नॉर्थ ब्‍लॉक भी इसके लिए बराबर दोषी है।

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अंबरदार ने अब्‍दुल्‍ला परिवार को मूल रूप से इस्‍लामिस्‍ट करार दिया। उन्‍होंने कहा कि कश्‍मीरियों को इन इस्‍लामिस्‍ट के हवाले छोड़ा गया। 32 साल पहले बहुत सुनियोजित तरीके से हिंदुओं का कत्‍लेआम किया गया। मस्जिदों से ‘कश्‍मीर में रहना होगा तो अल्‍लाह-हू-अकबर कहना होगा’ के नारे लगाए जाने लगे थे। रेप, मर्डर नरसंहार होता है, लेकिन द‍िल्‍ली में कोई हलचल नहीं होती है।

उन्‍होंने कहा कि रोहिंग्‍या के लिए आप आजाद मैदान में अमर जवान ज्‍योति को तोड़ते हैं। कारण है कि वो मुसलमान हैं। हमस पर इजरायल रॉकेट दागता है तो जंतर-मंतर पर सेक्‍युलर और मुसलमान कैंडिल मार्च निकालते हैं। हिंदू मर रहा है। Hindu Lives do not matter।

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अंबरदार बोले कि एक मुल्‍क है दुनिया के अंदर जो छोटा सा रह गया है। ये हजारों साल की लड़ाई है। ये गजवाए हिंद की लड़ाई है। हजारों साल पहले जब मोहम्‍मद बिन कासिम ने सिंध पर कब्‍जा किया था तब से हिंदुओं का नरसंहार हो रहा है। उन्‍होंने कहा कि इस देश को नरेंद्र मोदी की बहुत ज्‍यादा जरूरत है। लेकिन, उन्‍हें गलत सूचनाएं दी जा रही हैं। राहुल भट्ट की शव यात्रा में कश्‍मीर के अंदर वंदे मातरम के नारे लग रहे थे। हालांकि, साथ में पीएम मोदी के खिलाफ भी नारे लग रहे थे। यह बहुत दुखद था।

चर्चा में शामिल होने के लिए जम्‍मू-कश्‍मीर पीस फोरम के चेयरमैन सतीश महालदार भी पहुंचे थे। महालदार ने इसके लिए बीजेपी को आड़े हाथों लिया। उन्‍होंने कहा कि जहां तक कश्‍मीर में माइनॉरिटी का सवाल है तो बीजेपी के लोग उनसे मिलने नहीं पहुंचते हैं। यह एक बड़ी हकीकत है।

महालदार ने आरोप लगाया कि स्‍थानीय होने के नाते जो इनपुट मिलते हैं, उन्‍हें ब्‍यूरोक्रेसी के साथ साझा करने के बाद भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। जम्‍मू-कश्‍मीर में तमाम अल्‍पसंख्‍यक बहुत नाजुक स्थिति में हैं, लेकिन उनका हाल लेने कोई नहीं पहुंचता है।



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By admin