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Haryana 75 percent reservation in private jobs: Haryana reservation law explained: 75 percent reservation to locals in private sector job in Haryana: हरियाणा में प्राइवेट सेक्टर में 75 फीसदी आरक्षण, क्या हैं नियम, कौन आएगा दायरे में, कंपनियों को क्यों है टेंशन?


चंडीगढ़
हरियाणा सरकार ने प्राइवेट नौकरियों में 75 फीसदी आरक्षण वाले कानून की अधिसूचना जारी कर दी है। 15 जनवरी 2022 से यह नियम पूरे राज्य में लागू होगा। राज्य सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, हरियाणा राज्य स्थानीय उम्मीदवार रोजगार अधिनियम 2020 के दायरे में राज्य के प्राइवेट कंपनियां, सोसायटी, ट्रस्ट और पार्टनरशिप फर्म आएंगे। हरियाणा सरकार के इस नए कानून के बारे में आगे विस्तार से जानिए-

हरियाणा सरकार ने इसी साल मार्च महीने में निजी क्षेत्र में आरक्षण की घोषणा की थी। पिछले साल नवंबर में राज्य विधानसभा में इससे जुड़ा बिल पास हुआ था। 2 मार्च 2021 को राज्यपाल ने इस बिल को मंजूरी दे दी थी।

कानून के दायरे में कौन-कौन?
हरियाणा सरकार के नए कानून के तहत सभी कंपनियां, सोसायटी, ट्रस्ट, लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप फर्म, पार्टनरशिप फर्म और 10 या अधिक को रोजगार देने वाला कोई भी व्यक्ति और या संस्था इस अधिनियम के दायरे में आएगा। उद्योगपतियों के सुझावों पर इस कानून में कुछ बदलाव किया गया है।

कितनी सैलरी तक को मिलेगा आरक्षण का लाभ?
30 हजार रुपये तक की सैलरी वाली निजी नौकरियों में प्रदेश के युवाओं को 75 फीसदी आरक्षण का लाभ मिलेगा। पहले यह सीमा 50 हजार रुपये तक थी। उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के उपनिदेशक स्तर के अधिकारी निगरानी करेंगे। ईंट-भट्ठों पर यह नियम लागू नहीं होगा। आईटीआई पास युवाओं को रोजगार में प्राथमिकता मिलेगी।

हरियाणा का स्थानीय उम्मीदवार कौन?
प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण का लाभ उन्हीं उम्मीदवारों को दिया जाएगा जो हरियाणा राज्य में अधिवासित है। इन्हें ही लोकल कैंडिडेट की श्रेणी में रखा गया है। इस आरक्षण के तहत लाभ प्राप्त के लिए कैंडिडेंट को अनिवार्य रूप से डेजिनेटेड पोर्टल पर खुद को रजिस्टर करना होगा। एंप्लॉयर को भी इसी पोर्टल के जरिए भर्तियां करनी होंगी।

कानून के नियम और शर्तें
प्रत्येक एंप्लॉयर को उन पदों के लिए 75 प्रतिशत स्थानीय उम्मीदवारों को नियुक्त करने की आवश्यकता होगी जहां ग्रॉस मंथली सैलरी 30,000 रुपये या इससे कम है, जैसा कि सरकार की ओर सेअधिसूचित किया गया है। लोकल कैंडिडेट हरियाणा के किसी भी जिले का निवासी हो सकता है लेकिन कंपनी या एंप्लॉयर के पास किसी भी जिले के निवासी के रोजगार को कुल उम्मीदवारी संख्या के 10 फीसदी तक सीमित करने का विवेकाधिकार होगा।

जानकारी छिपाने पर जुर्माना
दुष्यंत चौटाला ने बताया कि अगर कोई कंपनी, फैक्ट्री, संस्थान या ट्रस्ट अपने कर्मचारियों की जानकारी छुपाएगा तो जुर्माना लगाया जाएगा। निजी सेक्टर में कार्यरत किसी कर्मचारी को हटाया नहीं जाएगा। 30 हजार रुपये तक की नौकरी वाले हर कर्मचारी को श्रम विभाग की वेबसाइट पर अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। इसकी जिम्मेदारी संबंधित कंपनी, फर्म अथवा रोजगार प्रदाता की होगी। जो कंपनी ऐसा नहीं करेंगी, उन पर 25 हजार से लेकर एक लाख तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा।

हरियाणा सरकार के फैसले से टेंशन में कंपनियां
हरियाणा सरकार के इस फैसले का विरोध भी शुरू हो गया है। भारतीय उद्योग जगत ने सरकार से इस कानून पर पुनर्विचार करने को कहा। साथ ही यह भी आशंका जताई कि इस नियम से मल्टिनैशनल कंपनियां राज्य से बाहर चली जाएंगी। इंडस्ट्री यूनिट ने तर्क दिया कि आरक्षण कॉम्पिटिशन को नुकसान पहुंचाता है। राज्य सरकार स्थानीय भर्ती को बढ़ावा देने के लिए उद्योगों को 25 प्रतिशत सब्सिडी दे सकती है।

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने कड़े शब्दों में प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘ऐसे समय में जब राज्य में निवेश आकर्षित करना महत्वपूर्ण है, सरकारों को उद्योग पर प्रतिबंध नहीं लगाना चाहिए। आरक्षण उत्पादकता और प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता को प्रभावित करता है।’

एक अन्य उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) ने कहा कि किसी भी भारतीय को बिना किसी प्रतिबंध के भारत के किसी भी राज्य में काम करने की अनुमति दी जानी चाहिए। पीएचडीसीसीआई ने कहा, ‘75 प्रतिशत आरक्षण के कारण प्रौद्योगिकी कंपनियां, ऑटोमोटिव कंपनियां, खासतौर से बहुराष्ट्रीय कंपनियां बाहर चली जाएंगी, ये अत्यधिक कुशल कार्यबल पर आधारित कंपनियां हैं।’

नौकरी को लेकर क्या कहता है संविधान?
संविधान के अनुच्छेद 19 के अनुसार, हर नागरिक देश में कहीं भी जाकर किसी भी तरह की नौकरी, व्यापार करने का अधिकार रखता है। हालांकि हरियाणा में आरक्षण का प्राइवेटाइजेशन इससे अलग है। हरियाणा में प्राइवेट कंपनी की 75 फीसदी नौकरी कुछ शर्तों के साथ हरियाणा के स्थानीय लोगों को देनी होगी। यानी किसी दूसरे राज्य का उम्मीदवार अगर हरियाणा में नौकरी करना चाहेगा तो उसे यहां काफी परेशानी होगी।



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By admin