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Ghaziabad me pollution: Pollution in Ghaziabad: पटाखे के साथ धुआं हुआ आदेश, 999 AQI के साथ गाजियाबाद बना गैस चैंबर, सांस के साथ लोगों के अंदर जा रहा जहर – ghaziabad aqi reaches 999 city like gas chamber after diwali fireworks


हाइलाइट्स

  • गाजियाबाद में रोक के बावजूद जमकर हुई आतिशबाजी
  • देर रात तक लोगों ने खूब जलाए पटाखे, शहर में छाया धुआं
  • भयावह स्थिति में पहुंचा शहर का एक्यूआई, गैस चैंबर बना गाजियाबाद

गाजियाबाद
दिल्ली से सटे गाजियाबाद में एक बार फिर सफेद चादर नजर आ रही है। यह सब कोहरे की चादर नहीं है। बल्कि यह प्रदूषण की चादर है। दिवाली पर लोगों की ओर से की गई आतिशबाजी के कारण गाजियाबाद का एयर क्वालिटी इंडेक्स 999 पर पहुंच चुका है। यह एक्यूआई भयावह है। यह किसी गैस चैंबर से कम नहीं है।

रोक के बावजूद गाजियाबाद में जमकर आतिशबाजी हुई। नतीजा यह हुआ कि धुएं की चादर से हवा में फैल गई। बाहर तो क्या घरों के अंदर लोगों को सांस लेने में समस्या हुई। कई सांस के मरीजों की हालत बिगड़ गई तो उन्हें अस्पताल तक जाना पड़ा।

बच्चे और बुजुर्गों को हुई सबसे ज्यादा परेशानी
लोगों को इस धुएं के चलते स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हुईं। खासतौर से बुजुर्ग छोटे बच्चे और दमा के मरीजों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा आम लोगों की आंखों और गले में भी जलन हो रही है। उन्हें भी सांस लेने में काफी परेशानी हो रही है।

आधी रात चल होती रही आतिशबाजी
हालांकि इस बार आतिशबाजी की बिक्री और आतिशबाजी चलाए जाने पर पूरी तरह से पाबंदी लगाई गई थी। लेकिन उसके बावजूद भी शाम 4:00 बजे से और रात करीब 1:00 बजे तक शहर के हर इलाके में बम और पटाखे की आवाज आती रही। जिसके बाद पूरा गाजियाबाद गैस के चेंबर जैसा तब्दील हो गया है।

गाइडलाइंस हुईं हवा
आपको बताते चलें कि दिल्ली के नजदीक गाजियाबाद में इस बार प्रदूषण पर नियंत्रण पाए जाने के उद्देश्य से आतिशबाजी पर पूरी तरह से बेचने और आतिशबाजी चलाने पर प्रतिबंध लगाया गया था। तमाम तरह की गाइडलाइन भी जारी की गई थी।

प्रशासनिक अधिकारियों की यह भी कहा गया था कि जिस इलाके में आतिशबाजी होती है। उस इलाके के संबंधित पुलिसकर्मी उसके जिम्मेदार होंगे। लेकिन उसके बावजूद भी लोगों ने आतिशबाजी करने के लिए पटाखों की खरीदारी की।

पटाखे बिके नहीं तो कहां से जलाए गए?
आश्चर्य की बात यह है कि जब दुकानों पर आतिशबाजी बेचे जाने की अनुमति नहीं थी, तो आखिरकार कहां से लोगों ने इतनी बड़ी संख्या में पटाखों की खरीदारी की। जिसके बाद दिवाली पर पहले की तरह ही जमकर लोगों ने पटाखे छोड़े। जिसका नतीजा यह नजर आया है।

कई लोगों को हुई परेशानी
देर रात से ही लोगों को सांस लेने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खासतौर के बुजुर्गों बच्चों और दमा के मरीजों को ज्यादा परेशानी हो रही है। इस बार आम लोगों की आंखों में भी बेहद जलन हो रही है।

उठ रहे सवाल
बड़ा सवाल यह है ? कि जब आतिशबाजी करने के लिए किसी भी तरह के पटाखों को बेचे जाने और पटाखे चलाए जाने पर पाबंदी थी तो फिर इतनी बड़ी संख्या में और इतने समय तक आतिशबाजी क्यों हुई ? आखिर इसका जिम्मेदार कौन है?

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फाइल फोटो



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By admin