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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने देशविरोधी गतिविधियों के आरोप में जेल में बंद गौतम नवलखा को 24 घंटे के भीतर हाउस अरेस्ट में ट्रांसफर करने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने एनआईए की उस अर्जी को खारिज कर दिया जिसमें एनआईए ने नवलखा को हाउस अरेस्ट में रखने के आदेश को चुनौती दी थी। उच्चतम न्यायालय ने भीमा कोरेगांव केस में नवलखा को मुंबई के तलोजा जेल से हाउस अरेस्ट में रखने का आदेश दिया था। इसके खिलाफ एनआईए ने अर्जी दाखिल की थी।

माओवादी लिंक के कारण जेल में बंद है नवलखा
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस ऋषिकेश राय की बेंच ने शुक्रवार को नवलखा को नवी मुंबई स्थित तलोजा जेल से 24 घंटे के भीतर हाउस अरेस्ट में भेजने का आदेश दिया है। नवलखा एल्गार परिषद माओवादी लिंक मामले में जेल में बंद है। एनआईए ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर 10 नवंबर के आदेश को वापस लेने की गुहार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 10 नवंबर को घर में नजरबंद रखने का आदेश दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान कुछ अतिरिक्त शर्त भी लगाई है। इसके तहत कहा गया है कि किचन से बाहर जाने का रास्ता है, ऐसे में किचन का दरवाजा सील रहेगा। हॉल का ग्रील भी लॉक रहेगा। बेंच ने यह भी ध्यान दिया कि सीसीटीवी लगाए जाने की शर्त के तहत कैमरा दोनों ही एग्जिट पाइंट पर लगाया जा चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि 10 नवंबर को शीर्ष अदालत ने हाउस अरेस्ट में नवलखा को भेजे जाने का जो आदेश दिया गया था, उस पर 24 घंटे में अमल किया जाए।
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एनआईए पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणियां

सुनवाई के दौरान बेंच ने मौखिक तौर पर एनआईए से कहा है कि अगर आप कुछ खामियां निकालकर हमारे आदेश को नजरअंदाज कर रहे हैं तो हम उसे बहुत गंभीरता से लेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने अपनी सख्त टिप्पणी में कहा कि 70 साल का आदमी जो बीमार है, उस पर पूरा पुलिस तंत्र अगर नजर नहीं रख सकती है तो फिर आप अपनी कमजोरी को देखें। इस तरह की बातें आप न करें। आप राज्य हैं और क्या आप 70 साल के शख्स को हाउस अरेस्ट के दौरान नजर नहीं रख सकते?

एनआईए की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी कि हाउस अरेस्ट के आदेश को वापस लिया जाना चाहिए क्योंकि इस मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर नवलखा को रिलीफ दी गई है, वह रिपोर्ट एकतरफा है। मेहता ने कहा कि मेडिकल रिपोर्ट तैयार करने वाला डॉक्टर नवलखा का रिश्तेदार है। तब जस्टिस जोसेफ ने कहा कि इस बिंदु पर बहस हो चुकी है। तब सॉलिसटिर जनरल ने कहा कि हम कुछ और बताना चाह रहे हैं।
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लोकेशन पर एनआईए की आपत्ति भी खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने एनआईए के दूसरे ऐतराज को भी खारिज कर दिया। एनआईए ने कहा था कि नवलखा ने हाउस अरेस्ट के दौरान जहां रहने के लिए कहा है उसके लोकेशन पर ऐतराज जताया था और कहा था कि वह हॉल है और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया की लाइब्रेरी के ऊपर है। जस्टिस जोसेफ ने कहा कि कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया एक मान्यता प्राप्त पार्टी है, ऐसे में इस तरह के ऑब्जेक्शन का कोई मतलब नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने नवलखा की उस अर्जी को पिछले हफ्ते मंजूर कर लिया था जिसमें याची नवलखा की ओर से मेडिकल कंडिशन खराब होने के आधार पर हाउस अरेस्ट में रखने की गुहार लगाई थी। हालांकि मुंबई के एनआईए स्पेशल कोर्ट में एनआईए ने नवलखा द्वारा घर के दिए गए लोकेशन पर ऐतराज जताया था। सीनियर एडवोकेट नित्या रामाकृष्णन ने नवलखा की ओर से मामले को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के सामने उठाया था। तब चीफ जस्टिस ने कहा था कि मामले में शुक्रवार को सुनवाई होगी। शुक्रवार को जस्टिस जोसेफ ने निर्देश दिया है कि नवलखा को जेल से हाउस अरेस्ट में 24 घंटे के अंदर ट्रांसफर किया जाए।



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By admin