नई दिल्ली
केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने रविवार को हरियाणा के किसानों से अपील की कि वे भाजपा की राज्य इकाई द्वारा शुरू ‘तिरंगा यात्रा’ का विरोध नहीं करें। एसकेएम ने दावा किया कि यह किसानों को भड़काने और बदनाम करने की ‘कुटिल चाल’ है।
करीब 40 किसान संगठनों के संयुक्त मंच एसकेएम ने एक बयान में कहा कि अन्य कार्यक्रमों और भाजपा-जजपा का विरोध जारी रहेगा। इसमें कहा गया, ‘ भाजपा की हरियाणा इकाई द्वारा प्रस्तावित ‘तिरंगा यात्रा’ मुख्य रूप से किसनों को भड़काने और उन्हें बदनाम करने के लिए है। एसकेएम किसानों से आह्वान करता है कि वे इसे भाजपा की कुटिल चाल के तौर पर देखें और उनकी राष्ट्रीय ध्वज की आड़ में गंदी चाल को सफल नहीं होने दें।’
केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने रविवार को हरियाणा के किसानों से अपील की कि वे भाजपा की राज्य इकाई द्वारा शुरू ‘तिरंगा यात्रा’ का विरोध नहीं करें। एसकेएम ने दावा किया कि यह किसानों को भड़काने और बदनाम करने की ‘कुटिल चाल’ है।
करीब 40 किसान संगठनों के संयुक्त मंच एसकेएम ने एक बयान में कहा कि अन्य कार्यक्रमों और भाजपा-जजपा का विरोध जारी रहेगा। इसमें कहा गया, ‘ भाजपा की हरियाणा इकाई द्वारा प्रस्तावित ‘तिरंगा यात्रा’ मुख्य रूप से किसनों को भड़काने और उन्हें बदनाम करने के लिए है। एसकेएम किसानों से आह्वान करता है कि वे इसे भाजपा की कुटिल चाल के तौर पर देखें और उनकी राष्ट्रीय ध्वज की आड़ में गंदी चाल को सफल नहीं होने दें।’
उल्लेखनीय है कि भाजपा की हरियाणा इकाई ने 75वें स्वतंत्रता दिवस से पहले रविवार को भिवानी से दो सप्ताह की तिरंगा यात्रा की शुरुआत की। इसमें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ शामिल हुए और उन्होंने दावा किया कि हजारों की संख्या में किसान कार्यक्रम में शामिल हुए।
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि सोमवार को भी दिल्ली के जंतर-मंतर पर ‘किसान संसद’ जारी रहेगी। बयान में कहा गया, ‘‘जंतर-मंतर पर पानी जमा होने के बावजूद किसान संसद अनुशासित और पूरी प्रतिबद्धता तरीके से जारी रहेगी। छत्तीसगढ़ में समानंतर किसान संसद राज्य इकाई द्वारा एकजुटता प्रकट करने के लिए आयोजित की जाएगी।’’