एडवाइजरी में कहा गया है, ‘इस कठिन परिस्थिति में भारतीय दूतावास भारतीयों से मजबूत, सुरक्षित और सतर्क रहने का अनुरोध करता है। दूतावास भी यूक्रेन में भारतीय समुदाय की मदद के लिए चौबीस घंटे काम कर रहा है।’ परामर्श के अनुसार, ‘भारत सरकार और दूतावास रोमानिया व हंगरी के जरिए निकासी मार्ग स्थापित करने पर काम कर रहे हैं।’
यूक्रेन में इस समय करीब 16 हजार भारतीय फंसे हुए हैं। दूतावास ने भारतीय नागरिकों, विशेष रूप से चोप-जहोनी और पोरबने-स्ट्रीट सीमा बिंदुओं के निकट रहने वाले छात्रों को सलाह दी कि वे ‘इस विकल्प को साकार करने’ के लिए विदेश मंत्रालय की टीमों के साथ समन्वय करते हुए ‘संगठित तरीके’ से प्रस्थान करें।
दूतावास ने कहा, ‘उपरोक्त मार्गों के चालू होने के बाद अपनी व्यवस्था से यात्रा करने वाले भारतीय नागरिकों को इन सीमाओं पर मौजूद चौकियों की ओर बढ़ने और संबंधित चौकियों पर स्थापित हेल्पलाइन नंबरों के संपर्क में रहने की सलाह दी जाएगी।’ मिशन ने कहा कि नियंत्रण कक्ष स्थापित होने के बाद संपर्क नंबर साझा किए जाएंगे। दूतावास ने व्यवस्थित आवाजाही के लिए छात्रों को छात्र ठेकेदारों के संपर्क में रहने की भी सलाह दी।
दूतावास ने भारतीय नागरिकों को पासपोर्ट, नकदी, किसी भी आपातकालीन खर्च के लिये अधिमानतः अमेरिकी डॉलर, और कोविड -19 टीकाकरण प्रमाण पत्र जैसे अन्य आवश्यक सामान ले जाने के लिए कहा। इसके अलावा उन्हें यदि उपलब्ध हो तो ‘भारतीय ध्वज का प्रिंट आउट साथ लेने और यात्रा करते समय वाहनों और बसों पर इन्हें चिपकाने’ की भी सलाह दी।
![Stranded Indians in Ukraine Stranded Indians in Ukraine](https://static.langimg.com/thumb/msid-89829656,width-680,resizemode-3/navbharat-times.jpg)
यूक्रेन में फंसे भारतीयों के लिए दूतावास ने जारी की नई एडवाइजरी।