
उन्होंने कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के पलायन से संबंधित हाल में सिनेमाघरों में आई फिल्म ‘कश्मीर फाइल्स’ का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसी फिल्में बनाकर लोगों में नफरत का माहौल पैदा नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसी किसी भी फिल्म पर तत्काल प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के हसनैन मसूदी ने कहा कि जम्मू कश्मीर का बजट विधानसभा के बजाय संसद में पेश किया जा रहा है, यह सवाल उठाने योग्य मुद्दा है। उन्होंने कहा कि डेढ़ करोड़ की आबादी वाले राज्य को ढाई साल से अपनी विधानसभा नहीं मिली है।
उन्होंने आरोप लगाया कि संविधान को दरकिनार करके अनुच्छेद 370 को समाप्त किया गया। उन्होंने कहा कि सरकार को जवाब देना चाहिए कि क्या राज्य को केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करना केंद्र का अधिकार है। उन्होंने कहा कि हमें इस विषय पर उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ के फैसले का इंतजार करना चाहिए, लेकिन सरकार वहां परिसीमन समेत अनेक कवायद चला रही है जो न्यायपालिका का अपमान है।
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में आतंकवाद में कोई कमी नहीं आई है। मसूदी ने कहा कि वहां दैनिक वेतनभोगियों और अस्थायी कर्मचारियों की ओर ध्यान दिया जाना चाहिए।
आईयूएमएल के ई टी मोहम्मद बशीर ने कहा कि सरकार केवल कश्मीर ही नहीं, बल्कि हर जगह मीडिया का दमन कर रही है। माकपा के ए एम आरिफ ने भी इस तरह का आरोप लगाया।
तेलंगाना राष्ट्र समिति के बी बी पाटिल ने कहा कि सरकार के प्रयासों से दो साल में जम्मू कश्मीर विकास के पथ पर आगे बढ़ा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार जम्मू कश्मीर के समग्र विकास के लिए आगे भी कदम उठाएगी।