वर्तमान में दिल्ली में तीन नगर निगम – उत्तरी दिल्ली नगर निगम (NDMC), दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (SDMC) और पूर्वी दिल्ली नगर निगम (EDMC) हैं, जिनमें कुल 272 वार्ड हैं। एनडीएमसी और एसडीएमसी में से प्रत्येक में 104 वार्ड हैं, जबकि ईडीएमसी में 64 वार्ड हैं।
विधेयक को अदालत में चुनौती देंगे-केजरीवाल
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘एमसीडी विधेयक केवल (नगर निगम) चुनाव में देरी करने की मंशा से लाया गया है। वार्ड की संख्या कम करने के पीछे क्या तर्क है? हम विधेयक का अध्ययन करेंगे और जरूरत पड़ने पर इसे अदालत में चुनौती देंगे।’’
पांच महीने बाद हो सकते हैं निकाय चुनाव
विशेषज्ञों ने शुक्रवार को कहा था कि निकाय चुनाव अब पांच से छह महीने बाद ही होने की संभावना है, क्योंकि तीन निगमों के पुन: एकीकरण के बाद नये सिरे से परिसीमन प्रक्रिया की आवश्यकता होगी। विधेयक के अनुसार, विलय किए गए नगर निगम में सीटों की संख्या 250 से अधिक नहीं होगी और पुन:एकीकरण कानून के तहत जब तक कि निकाय की पहली बैठक आयोजित नहीं होती, तब तक के लिए एक विशेष अधिकारी को इसके कार्य की देखरेख के लिए नियुक्त किया जा सकता है।
कांग्रेस की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि भाजपा नगर निकाय चुनाव (MCD Elections) में सिर्फ अपनी हार टालने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘यह कदम भाजपा द्वारा नगर निकाय चुनावों में अपनी हार को टालने के लिए रची गई साजिश है। मसौदा विधेयक में इसका कहीं उल्लेख नहीं है कि एमसीडी की वित्तीय स्थिति कैसे सुधारी जाएगी।’’
‘विधेयक से निगम और उसके कर्मचारियों को होगा फायदा’
भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष आदेश गुप्ता (Aadesh Gupta) ने कहा था कि इस विधेयक से निगम और उसके कर्मचारियों को फायदा होगा। उन्होंने कहा, ‘‘यह कदम एमसीडी को मजबूत करेगा और स्वच्छता, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी उसकी सेवाओं में सुधार होगा। दिल्ली सरकार धन नहीं देकर नगर निकायों को परेशान कर रही है। वे (आप सरकार) एमसीडी को कमजोर कर रहे थे। एकीकरण से एमसीडी कर्मचारियों को मदद मिलेगी और वेतन और बकाये का समय पर वितरण सुनिश्चित होगा।’’ पूर्ववर्ती एमसीडी को 2011 में तीन भागों में विभाजित किया गया था।