नयी दिल्ली: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण और गुजरात के स्कूलों को लेकर दिए गए बयान से राजनीति गरमाई हुई है। सिसोदिया के बयान को सिरे से खारिज करते हुए केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने शुक्रवार को कहा कि स्कूली शिक्षा से संबंधित राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण में कई कक्षाओं में कई विषयों में दिल्ली का प्रदर्शन राष्ट्रीय औसत की तुलना में काफी खराब रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण कोई परीक्षा नहीं है, बल्कि शिक्षा प्रणाली की स्थिति का सर्वे है और इसमें सभी कक्षा के छात्रों का हिस्सा लेना जरूरी नहीं है।
गौरतलब है कि खबरों के अनुसार, मनीष सिसोदिया ने कहा है कि भारत में तीन घंटे की पारंपरिक वार्षिक परीक्षा प्रक्रिया है, जो बच्चों का भविष्य तय करती है और इसको लेकर स्कूलों पर काफी दबाव रहता है और छात्रों पर परीक्षा पास करने का दबाव रहता है। सिसोदिया ने कहा है कि उन्हें यह आशंका है कि राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (एनएएस) इसी दिशा में बढ़ रहा, है जहां एनएएस में उच्च स्कोर हासिल करना राज्यों की प्राथमिकता बन गई है। अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि इस सर्वेक्षण में तीसरी, 5वीं, 8वीं और 10वीं कक्षा के क्रमरहित (रैंडम) तरीके से छात्रों ने हिस्सा लिया था और इसी प्रकार से इसमें सभी स्कूलों ने भी हिस्सा नहीं लिया था। दिल्ली के शिक्षा मंत्री सिसोदिया के बयान के संदर्भ में अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे 2021 की रिपोर्ट में दिल्ली का प्रदर्शन कई विषयों में,कई कक्षाओं में राष्ट्रीय औसत की तुलना में बेहद खराब रहा और कुछ मामलों में तो ये निचले स्तर पर रहे हैं।
उन्होंने दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि करोड़ों के विज्ञापन के जरिये चमकाए गए चेहरे पर दाग दिख गया, तो अब ये एनएएस को दोष दे रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार की समस्या यह है कि इन्होंने काम कम किया है, प्रचार ज्यादा.. खासकर शिक्षा के क्षेत्र में । दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि आत्ममुग्धता लाइलाज बीमारी है,जिससे “आप” ग्रसित हैं और एनएएस को जो दिखा,वही दिखाया और “आप” खफा हुए जा रहे हैं।