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delhi air pollution: ‘People In 5-Star Hotels Blaming Farmers; No Action Against Gas Guzzling Hifi Cars’ : Supreme Court In Delhi Pollution Case : एयर पॉल्‍यूशन का ठीकरा किसानों पर फोड़ने से SC नाराज, कहा- 5 स्‍टार होटलों में बैठे लोग लगा रहे हैं आरोप


नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण संकट के बीच पराली जलाने के लिए किसानों को दोषी ठहराए जाने पर बुधवार को आपत्ति जताई। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में फाइव स्टार सुविधाओं में बैठे लोग किसानों पर आरोप लगाते रहते हैं। शीर्ष अदालत ने दिल्ली की सड़कों पर चलने वाली ‘हाई-फाई वाहनों’ और ‘गैस गज्लर’ की ओर इशारा करते हुए कहा कि सभी शपथ पत्रों में परिवहन को प्रदूषण का स्रोत बताया गया है।

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने कहा कि किसी को इस बात की चिंता नहीं है कि किसान पराली प्रबंधन के लिए मशीनें खरीद पाएंगे या नहीं।

पीठ ने कहा कि उसे यह महसूस हो रहा है कि किसी को किसानों की दुर्दशा की चिंता नहीं है, किसी को इस बात की चिंता नहीं है कि किसान किन परिस्थितियों में मजबूर हैं, किन कारणों से वे इन वैज्ञानिक रिपोर्टों का पालन नहीं कर पाए हैं।

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शीर्ष अदालत ने कहा, ‘दिल्ली में पांच और सात सितारा सुविधाओं में बैठे लोग किसानों के खिलाफ आरोप लगाते रहते हैं, लेकिन क्या आपने कभी उनकी जमीन के अनुसार कमाई देखी है? वे कैसे इस तरह की मशीन को खरीद पाएंगे? यदि वास्तव में कोई विज्ञान आधारित अन्य विकल्प है तो जाइए उन्हें समझाइए।’

दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि पराली जलाने से वायु प्रदूषण होता है, जिसे ठीक करने की जरूरत है। उन्होंने इस मुद्दे पर केंद्र के आंकड़ों का हवाला भी दिया।

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शीर्ष अदालत ने कहा कि इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है कि प्रतिबंध के बावजूद कितने पटाखे जलाए गए हैं।

पीठ ने कहा, “हर साल जब दिल्ली जाम होती है तो यह अदालत पहल करने के लिए मजबूर होती है। कृपया हमें केंद्र और राज्य सरकार यह बताएं कि उन्होंने क्या कदम उठाए हैं।” सिंघवी ने कहा कि पीठ को अक्टूबर में अदालत बुलानी चाहिए क्योंकि उसके पास इस महीने में उपाय तलाशने के लिए पर्याप्त समय नहीं होता है।

पीठ ने कहा कि यह केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों ने स्वीकार किया है कि वाहनों से होने वाले उत्सर्जन जैसे स्रोत प्रदूषण का एक प्रमुख हिस्सा हैं।

शीर्ष अदालत पर्यावरण कार्यकर्ता आदित्य दुबे और कानून के छात्र अमन बांका द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने छोटे और सीमांत किसानों को मुफ्त में पराली हटाने वाली मशीन उपलब्ध कराने के निर्देश देने की मांग की थी।

सुप्रीम कोर्ट



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