Sindhu Dhara

समाज की पहचान # सिंध की उत्पति एवं इतिहास<> सिंधी भाषा का ज्ञान <> प्रेणादायक,ज्ञानवर्धक,मनोरंजक कहानिया/ प्रसंग (on youtube channel)<>  सिंधी समाज के लिए,वैवाहिक सेवाएँ <> सिंधी समाज के समाचार और हलचल <>
Cyclone Sitrang: 110 किमी की रफ्तार, मूसलाधार बारिश.. पश्चिम बंगाल की तरफ तेजी से बढ़ रहा चक्रवात सितरंग कैसा? – cyclone to reach west bengal bangladesh coasts on tuesday odisha on alert


कोलकाता/भुवनेश्वर: अंडमान सागर के ऊपर बन रहा अवदाब एक चक्रवाती तूफान में बदलने सकता है। इसके चलते 25 अक्टूबर को पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश के तटों तक पहुंचने की संभावना है। इससे 110 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार इस मौसम प्रणाली से गंगेय पश्चिम बंगाल में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। वहीं दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना और पूर्वी मेदिनीपुर के तटीय जिलों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। इस चक्रवात का असर ओडिशा के भी कुछ तटों पर नजर आ सकता है।

कोलकाता स्थित क्षेत्रीय मौसम केंद्र के उप महानिदेशक संजीव बंदोपाध्याय ने कहा कि 24 और 25 अक्टूबर को कोलकाता में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि 24 अक्टूबर को दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना और पूर्वी मेदिनीपुर के तटीय जिलों में 45 से 55 किलोमीटर से 65 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चलेगी, जबकि 25 अक्टूबर को हवा की गति 90 से 100 किलोमीटर प्रतिघंटे से 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच जाएगी।

कोलकाता से सटे इन इलाकों पर भी असर
मौसम विभाग के अनुसार कोलकाता और उससे सटे हावड़ा और हुगली जिलों में 30 से 40 किलोमीटर प्रतिघंटे से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी। बंदोपाध्याय ने कहा कि यह एक प्रचंड चक्रवात नहीं होगा और आईएमडी द्वारा मौसम प्रणाली की आगे की आवाजाही को उचित समय पर अद्यतन किया जाएगा।

अधिकारियों ने कहा कि प्रचंड चक्रवात अम्फान ने मई 2020 में पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में तबाही मचाई थी। हवा की गति 185 किलोमीटर प्रति घंटे थी, जब यह सुंदरबन के पास पहुंचा था।

अधिकारियों की छुट्टियां रद्द
पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव एचके द्विवेदी ने एक उच्च स्तरीय बैठक में, दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना, पूर्व मेदिनीपुर, पश्चिम मेदिनीपुर और हुगली जिलों को पूर्वानुमान के मद्देनजर आवश्यक सावधानी बरतने का निर्देश दिया। एक अधिकारी ने कहा कि इन जिलों के साथ-साथ कोलकाता नगर निगम (केएमसी) और कोलकाता पुलिस के सभी वरिष्ठ अधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं।

SDRF और NDRF सतर्क
राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की 20 टीमें और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 15 टीमें तैयार रहेंगी। कोलकाता के मेयर फिरहाद हाकिम ने कहा कि उनकी टीम किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार है। सभी सामुदायिक हॉल को खुला रखने के लिए कहा गया है। हम लोगों को सचेत करने के लिए माइक का इस्तेमाल शुरू करेंगे। सभी पंपिंग स्टेशन जमा पानी को निकालने के लिए सक्रिय होंगे। हम चक्रवात आश्रय भी तैयार कर रहे हैं।

चक्रवात से निपटने की तैयारी
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि कोलकाता में जर्जर इमारतों में रहने वाले लोगों को मकान खाली करने के लिए कहा गया है। ओडिशा की राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री प्रमिला मलिक ने कहा कि सभी जिलों और तटीय क्षेत्र के अधिकारियों को उभरती स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया है। मौसम प्रणाली के सोमवार को राज्य के तट के समानांतर पार करने पर भारी वर्षा होने की संभावना है।

लोगों से न घबराने की अपील
मलिक ने कहा कि दमकल विभाग, ओडीआरएएफ और एनडीआरएफ के कर्मी किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार हैं। ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) पीके जेना ने लोगों से नहीं घबराने की अपील की क्योंकि चक्रवात जब पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश के तटों की ओर जाएगा तो यह राज्य के भद्रक जिले के धामरा बंदरगाह में राज्य के तट से पर 200 किमी दूर रहने की संभावना है।

मौसम विभाग के अधिकारी ने बताया कि पूर्वानुमान के मद्देनजर ओडिशा सरकार एनडीआरएफ, भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल के संपर्क में है। ओडिशा तट पर अधिकतम 50 से 60 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं, जब मौसम प्रणाली राज्य के तट के समानांतर चलेगा।

23 अक्टूबर से होगी अवदाब की शुरुआत
आईएमडी ने अपने पूर्वानुमान में बताया कि अंडमान सागर के ऊपर बने अवदाब के पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और 23 अक्टूबर को गहरे अवदाब में बदलने की उम्मीद है। मौसम विभाग ने कहा कि मौसम प्रणाली के बाद में उत्तर की ओर बढ़ने की संभावना है और 24 अक्टूबर तक पश्चिम-मध्य और उससे सटे पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है।

नॉर्थ ईस्ट पर भी असर
मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में कहा कि 25 अक्टूबर को इसके उत्तर-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ने और पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश तटों के पास पहुंचने की संभावना है। दक्षिण असम, पूर्वी मेघालय, नगालैंड, मिजोरम, मणिपुर और त्रिपुरा सहित पूर्वोत्तर में 24, 25 और 26 अक्टूबर को इसके चलते बारिश होगी। मछुआरों को 23 अक्टूबर से अगली सूचना तक समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है। जैसा कि थाईलैंड ने सुझाव दिया है, चक्रवाती तूफान को ‘सितरंग’ नाम दिया गया है।



Source link

By admin