क्या कोविड की स्थिति अब सामान्य बात हो गई है?
नए वेरिएंट का आना, अचानक मामलों में उछाल, कोविड की महामारी की मौजूदा स्थिति क्या सामान्य बात हो गई है? इस पर झा बताते हैं, ‘अगर हम कहें कि क्या अगले छह महीने या साल भर तक ऐसे हालात का सामना करना होगा, तो इसका जवाब हां है। लेकिन क्या हम अगले तीन या पांच साल तक ऐसी ही चुनौतियों से जूझने वाले हैं, तो मैं कहूंगा बिल्कुल नहीं।’ अभी नए वेरिएंट में इम्युनिटी को मात देने की क्षमता है। हमें पूरी आबादी को इस तरह बनाना है कि वायरस उसकी इम्युनिटी को भेद न सके। हमें नई पीढ़ी की वैक्सीन बनानी होगी। मुझे लगता है कि हम अगले 12 या 13 महीनों में यह काबयाबी हासिल कर लेंगे।
कोविड के मामले में ट्विटर की भूमिका मददगार
आशीष झा बताते हैं कि ट्विटर वैज्ञानिकों को साथ लाने और विचारों को साझा करने के मामले अद्भुत रहा है। हालांकि, कई लोगों ने इसका इस्तेमाल डर फैलाने में भी किया। जब सूचना की कमी होती है, तो ऐसी स्थिति में अफवाहों का बाजार हमेशा फलता-फूलता है।
बिहार में जन्मे और 9 साल की उम्र तक नहीं आती थी अंग्रेजी
वह बताते हैं कि बिहार भारत के गरीब राज्यों में एक है। मेरे माता-पिता ने अपने बच्चों को अवसर मुहैया कराने के लिए पलायन किया। ऐसे में बतौर प्रवासी आप हमेशा कई तरह की संस्कृतियों के संपर्क में आते हैं। यह आपको दूसरों का नजरिया समझने में भी मदद करता है। हालांकि, यह भी सही है कि बतौर प्रवासी आप कहीं-न-कहीं बाहरी भी महसूस करते हैं।
क्या हम ज्यादा गंभीर लोगों को कोविड से बचाने के लिए पर्याप्त कोशिश कर रहे हैं?
आशीष झा बताते हैं, ‘जब मैंने दो महीने पहले यह जिम्मेदारी संभाली, तो मैंने कहा था कि हमें एक रणनीति बनाने की जरूरत है। सबसे पहले हमें उन लोगों को सुरक्षित करना है, जिनकी बीमारियों से लड़ने की क्षमता कमजोर है। दूसरा, हमें बेहतर इलाज की सुविधा रखनी है।’ बीमारी के बाद होने वाली दिक्कतें शुरू से होती रही हैं। हम कोविड को लोगों के दिलों में डर की वजह नहीं बनने दे सकते।
दुनिया को कोविड से बचाने के लिए अमेरिका को और क्या करना चाहिए? इस सवाल के जवाब में वह बताते हैं कि राष्ट्रपति बाइडन का प्रशासन एक अरब वैक्सीन खुराक विदेश भेज रहा है। पहले ही 50 करोड़ से ज्यादा खुराक दूसरे देशों को दी जा चुकी है। हम कोविड से दो साल से जंग लड़ रहे हैं। विज्ञान ने इस लड़ाई में काफी मदद की है। आने वाले वर्षों में हमारे पास ऐसी वैक्सीन होगी, जो अधिक प्रभावी और कामयाब होंगी। इस वायरस को काबू में करने की हमारी क्षमता और बेहतर होगी।