एक सूत्र ने बताया, ‘हम 15-20 किमी की दूरी तय करने वाले और चार घंटों तक 80 किमी के दायरे में निगरानी करने वाले मानव रहित यान खरीदने पर विचार कर रहे हैं।’ सूत्रों ने बताया कि सेना 100 और के-9 वज्र होवित्जर की नई खेप हासिल करने वाली है। यह 2017 में इस तरह की 100 तोपों के लिए दिए गये ऑर्डर के अतिरिक्त होगी।
सूत्र ने कहा, ‘रक्षा खरीद परिषद ने 100 और के-9 वज्र का ऑर्डर करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अनुरोध प्रस्ताव जल्द ही जारी किया जाएगा।’ के-9 वज्र को मुख्य रूप से रेगिस्तानी क्षेत्र में तैनात करने के लिए खरीदा गया था लेकिन पूर्वी लद्दाख गतिरोध के बाद सेना ने काफी संख्या में होवित्जर को अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्र में तैनात किया है।
सूत्रों ने कहा, ‘हम शीतकालीन किट भी खरीद रहे हैं ताकि होवित्जर शून्य डिग्री सेल्सियस से कम तापमान में भी काम कर सके।’ उन्होंने साथ ही कहा कि उत्तरी सीमा पर अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर वज्र तोपें पहले से ही तैनात हैं। सूत्रों ने बताया कि सेना ‘एडवांस्ड टोव्ड आर्टिलरी गन सिस्टम’ (एटीएजीएस) और ‘माउंटेड गन सिस्टम’ खरीदने की प्रक्रिया में भी जुटी हुई है। उन्होंने बताया कि पिनाका की छह और रेजिमेंट खरीदी जा रही है और उनकी आपूर्ति शीघ्र शुरू हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि नई पिनाका रेजिमेंट को इलेक्ट्रॉनिक एवं यांत्रिक रूप से उन्नत की गई हथियार प्रणालियों से लैस किया जाएगा। ये लंबी दूरी तक विभिन्न तरह के गोले दाग सकेंगे। उन्होंने बताया कि पिनाका की एक रेजिमेंट उत्तरी सीमा पर अधिक ऊंचाई वाले स्थान पर तैनात की गई है।
सूत्र ने कहा, ‘हम स्वदेश विकसित लोइटरिंग वेपन सिस्टम खरीदने की प्रक्रिया में भी जुटे हुए हैं, जो हमला क्षमता को बढ़ाएगी।’