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हाइलाइट्स

  • तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने किया है भारत बंद का आह्वान
  • सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक चलेगा भारत बंद, विपक्षी दलों का समर्थन
  • राकेश टिकैत बोले- भारत बंद पूरी तरह किसानों के आंदोलन का हिस्सा

नई दिल्ली
नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान मोर्चा ने आज बंद का ऐलान किया है। यह बंद आज सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक चलेगा। भारत के बंद के मौके पर राष्ट्रीय किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि इस बंद का राजनीति से कुछ भी लेनादेना नहीं है। भाजपा के विरोध पर उन्होंने कहा कि केंद्र में सरकार किसकी है? यह कानून कौन लेकर आया है? ऐसे में यह भारत बंद किसके खिलाफ होगा। उन्होंने कहा कि हमारा आंदोलन सरकार के खिलाफ है।

जो आज सरकार में हैं उनसे ही सीखा है भारत बंद
भारत बंद से क्या हासिल होगा? इस सवाल के जवाब में टिकैत ने कहा कि क्या यह देश में पहली बार बंद हो रहा है। उन्होंने कहा कि आज जो सरकार में हैं जब वे लोग बंद करते थे तो उन्हें क्या हासिल होता था। हमने तो उनसे ही सीखा है? टिकैत ने कहा कि हो सकता है कि भारत बंद से ही कुछ रास्ता निकल जाए। उन्होंने कहा कि यह भी आंदोलन का ही एक हिस्सा है। उन्होंने कहा कि सरकार बेइमान है, धोखेबाज है। जो सरकारें हैं वह आरोप लगाने का काम करती हैं।

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घोषणा पत्र में जो वादा किया था वो रेट तो लागू करें
गन्ना की कीमतों में बढ़ोतरी के सवाल पर टिकैत ने कहा कि आज जो सरकार में उन्होंने अपने घोषणापत्र में कहा था कि सरकार बनेगी तो 375 रुपये प्रति क्विंटल का रेट देंगे। जब 2017 में सरकार आई तो 375 रुपये देना चाहिए था। ऐसे में 50 रुपये प्रति क्विंटल का नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि जो किसान ने अब तक पिछले चार साल में गन्ना डाला है उसके 50 रुपये प्रति क्विंटल का नुकसान और उसका ब्याज हमें दे दें। टिकैत ने कहा कि सरकार ने हमारे से धोखे से वोट लिए।

धोखा किया तो क्रेडिट कहां से दे दें
गन्ने की कीमतों में बढ़ोतरी पर सरकार को क्रेडिट देने के सवाल पर भड़कते हुए टिकैत ने कहा कि हमें जो घाटा हुआ है उसकी भरपाई कौन करेगा। इस सरकार ने हमारे साथ धोखा किया है तो उसे क्रेडिट कहां से दे दें। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने 5 साल में आधे पैसे बढ़ाए और कह रहे हैं कि आप धन्यवाद दे दो। उन्होंने कहा कि ये तो वह बात हो गई कि अस्पताल में डॉक्टर ने कह दिया कि भाई आपको गोली तो दे दी है अब कम से कम जिंदा तो रहोगे।

जब सत्ता से बाहर तो गन्ना बहुत अच्छा
टिकैत ने कहा कि जब ये लोग सत्ता से बाहर रहते हैं तो गन्ना बहुत अच्छा रहता है। जैसे ही ये लोग सरकार में आ गए हैं तो अब गन्ना बहुत खराब हो गया है। गन्ने में मिठास कम हो जाती है। ये तो हमने पहली बार देखा है। यूपी, उत्तराखंड और पंजाब में विधानसभा चुनाव पर किसान आंदोलन के असर के सवाल पर टिकैत ने कहा कि गांव के लोग अपने आप असर डालेंगे। उन्होंने कहा कि यह सरकार धोखे से गुंडागर्दी से जीतती है।

10 साल तक आंदोलन के लिए तैयार
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने रविवार को कहा था कि पिछले दस महीने से केंद्र के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान दस वर्षों तक आंदोलन करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि हम काले कानूनों को लागू नहीं होने देंगे। टिकैत ने पानीपत में ‘किसान महापंचायत’ में कहा कि आंदोलन को 10 महीने हो गए। सरकार को कान खोलकर सुनना चाहिए कि अगर हमें दस वर्षों तक आंदोलन करना पड़े तो हम तैयार हैं। टिकैत ने कहा कि अगर वर्तमान सरकार ने इन कानूनों को वापस नहीं लिया तो आने वाली सरकारों को इसे वापस लेना होगा।

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पिछले साल नवंबर से कर रहे प्रदर्शन
देश के विभिन्न हिस्सों, विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान, पिछले साल नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं, जिसको लेकर उन्हें डर है कि इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली को खत्म कर दिया जाएगा। उन्हें बड़े कार्पोरेट घरानों की दया पर छोड़ दिया जाएगा। गतिरोध खत्म करने और किसानों के विरोध प्रदर्शन को समाप्त कराने के लिए सरकार और किसान यूनियन के बीच अब तक 11 दौर की बातचीत हुई है, आखिरी बातचीत 22 जनवरी को हुई थी।

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