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bank news: bankaron ne khatkhataya PM Modi ka darwaja: बैंकरों ने खटखटाया पीएम मोदी का दरवाजा


नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में सेवा देने वाले बाहरी बैंकर्स (Bankers) हताश हैं। इनको लगता था कि आतंकी विरोध के बीच बैंक प्रबंधन (Bank Administration) उनका साथ देगा। एक मैनेजर की हत्या के बाद वहां काम करने वाले बाहरी बैंकर्स ने प्रबंधन से सुरक्षा की मांग की। उन्हें शाखा में पर्याप्त सुरक्षा तो नहीं मिली। हां, इस मांग को जोर-शोर से उठाने वाले मैनेजर की बर्खास्तगी जरूर हो गई। यह कहना है बैंककर्मियों के संगठन AIRRBEA के महासचिव का। अब इन्होंने बैंक प्रबंधन की इस कारिस्तानी की शिकायत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की है।

PM मोदी को लिखा पत्र
ऑल इंडिया रीजनल रूरल बैंक इम्पलाइज एसोसिएशन (All India Regional Rural Bank Employees Association) के महासचिव एस वेकटेश्वर रेड्डी ने पीएम मोदी (PM Modi) को एक पत्र भेजा है। इसकी प्रति हमने भी देखी है। इसमें कहा गया है कि जम्मू कश्मीर में अपनी सेवा दे रहे बाहरी लोगों ने बैंक प्रबंधन से पर्याप्त सुरक्षा की मांग की। लेकिन प्रबंधन ने सभी शाखाओं में पर्याप्त सुरक्षाकर्मियों की व्यवस्था किए बगैर सभी बाहरी कर्मियों को शाखा में वापस लौटने का फरमान सुना दिया। इस मामले में कर्मचारियों के साथ खड़े यूनियन के पदाधिकारी सतविंदर सिंह पर कार्रवाई हो गई। कुछ ही दिनों बाद उन्हें बर्खास्त भी कर दिया गया।

क्यों परेशान हैं बैंककर्मी
जम्मू कश्मीर में बीते दो जून को इलाकाई देहाती बैंक के एक शाखा प्रबन्धक पर आतंकवादी हमला हुआ था। इस घटना में शाखा प्रबन्धक विजय कुमार को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था। बताया जा रहा है कि विजय कुमार कश्मीर के स्थानीय निवासी नहीं थे, इसलिए वह आतंकी हमले का शिकार बने। इसके बाद कश्मीर घाटी में काम करने वाले अन्य बाहरी कर्मचारी अपनी शाखाओं से जम्मू में शरण लेने चले गए।

बैंकर्स क्या चाहते हैं प्रबंधन से
यूनियन का कहना है कि इन असहाय कर्मियों से सहानुभूति होने के स्थान पर जे एंड के ग्रामीण बैंक के चेयरमैन ने उन्हें अपने कार्यस्थलों पर वापस लौटने के लिए धमकाना शुरू कर दिया। उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की बात भी कही जा रही थी। इन परिस्थितियों में ऑफिसर्स एसोसिएशन ने अपने नेता सतविंदर सिंह के साथ इस समस्या पर चेयरमैन से चर्चा की। उसके बाद चेयरमैन ने मात्र कुछ शाखाओं के लिए सुरक्षा प्रहरियों की व्यवस्था की। इसके बाद सभी कर्मियों से वापस शाखाओं में योगदान का निर्देश दिया, यह जानते हुए कि कई शाखाओं में कोई सुरक्षा गार्ड नहीं थे। इसके बाद सिंह ने कर्मचारियों को कश्मीर घाटी की सभी शाखाओं पर सुरक्षा गार्डों की नियुक्ति तक इंतजार करने की सलाह दी। इससे बैंक के चेयरमैन चिढ़ गये और उन्होंने सतविंदर सिंह को तत्काल बिना उनसे चर्चा किये कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया कि क्यों न सतविंदर सिंह की सेवायें समाप्त कर दी जाएं।

फिर हो गई बर्खास्तगी
AIRRBEA के महासचिव का कहना है कि सभी नियमों, सेवा नियमावली, सिद्धातों तथा नैसर्गिक न्याय की अवहेलना करते हुए सतविंदर सिंह को दो दिन के अंदर उत्तर देने का निर्देश दिया गया। कारण बताओ नोटिस के जवाब की तैयारी हेतु समय देने के उनके अनुरोध को भी ठुकरा दिया गया। फिर सतविंदर सिंह की बैंक सेवा से बर्खास्तगी का पत्र जारी कर दिया गया।

आश्चर्यजनक कदम है
NFRRBE के महामंत्री शिवकरन द्विवेदी का कहना है कि यह अत्यंत आश्चर्यजनक है कि आतंकियों की धमकी से भयभीत कर्मचारियों तथा अधिकारियों के प्रति सहानुभूति रखना एक अधिकारी के लिए गंभीर दुराचरण माना गया। इसलिए सतविंदर सिंह जैसे ईमानदार, कर्मठ, परिश्रमी और कानून का पालन करने वाले व्यक्ति के विरुद्ध इतनी कठोर तथा अनधिकृत कार्रवाई की गई। इसलिए इस घटना की शिकायत सीधे देश के प्रधानमंत्री से की गई है।



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By admin