इंग्लैंड हमें क्या सिखाएगा, वह तो…
यहां इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) में एक कार्यक्रम में खान ने कहा कि उन्होंने देवबंद में इसका उल्लेख किया था और रेखांकित किया कि यह मुसलमानों के लिए गर्व की बात है कि वे भारत में इस्लाम का पालन कर रहे हैं, जिसके ज्ञान से पैगंबर प्रभावित थे। इस्लामिक मदरसा दारुल उलूम देवबंद में है। उन्होंने आगे कहा, ‘जब भारत में लोग बड़ी-बड़ी किताबें लिख रहे थे… इंग्लैंड के लोग गुफाओं में रह रहे थे और उन्हें लगता है कि उन्होंने हमें सभ्य बनाया।’
खान ने कहा कि दुनिया में पांच पुरानी सभ्यताएं हैं, जहां ईरानी सभ्यता अपने वैभव के लिए जानी जाती थी, चीनी अपने कौशल के लिए, रोमन अपनी सुंदरता के लिए और तुर्क अपनी बहादुरी के लिए, भारत एकमात्र ऐसी सभ्यता थी जो अपने ज्ञान और बुद्धिमत्ता के लिए जानी जाती थी।
कट्टरपंथ के मुखर आलोचक हैं आरिफ मो. खान
ध्यान रहे कि आरिफ मोहम्मद खान इस्लाम में कट्टरपंथ के मुखर आलोचक हैं। वो कट्टरपंथ के लिए मुसलमानों के समृद्ध तबके और मौलवी-मौलानाओं की जमात को दोषी ठहराते हैं। उनका कहना है कि कोई भी धर्म या मजहब इंसान से दुश्मनी करना नहीं सिखाता है। आरिफ मोहम्मद खान वक्त-वक्त पर मुस्लिम कट्टरता को प्रदर्शित करने वाली घटनाओं की आलोचना भी करते रहते हैं। उन्होंने एक दिन पहले ही कहा था कि जब मुस्लिम अल्पसंख्यक हों तो धर्मनिरपेक्षता की मांग करें और जैसे ही आबादी बढ़ जाए और बहुसंख्यक हो जाएं तो शरीयत की मांग करने लगें, यह ठीक नहीं है।