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archeological survey of india indian heritage monuments heritage monument bylaws : कोविडकाल में 126 स्मारकों के संरक्षण के लिए बने रिकॅार्ड 101 धरोहर उपनियम


नई दिल्ली : सरकार ने देश की धरोहरों व स्मारकों के संरक्षण व उसके बेहतर संचालन के लिए उनसे जुड़े धरोहर उपनियमों पर तेजी से काम शुरू किया है। राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण (एनएमए) ने 2019 के बाद कोविड काल में धरोहरों से जुड़े रिकॉर्ड उपनियम बनाए हैं। उल्लेखनीय है कि उससे पहले पिछले दस सालों में महज 30 स्मारकों या धरोहरों से जुड़े पांच उपनियम बने थे, वहीं पिछले दो सालों में देश की 126 केंद्र सरकार द्वारा संरक्षित धरोहरों के लिए 101 उपनियम बनाए गए।

3600 धरोहरों के लिए उपनियम का लक्ष्य
उल्लेखनीय है कि प्राचीन स्मारक व पुरातत्व स्थल और अवशेष कानून संशोधन (एएमएएसआर)2010 के तहत एनएमए को अधिकार दिया गया था कि देश के सभी संरक्षित स्मारकों व धरोहरों के लिए उपनियम बनाए। उसे लक्ष्य दिया गया था कि वह साल 2012 तक केंद्र द्वारा सरंक्षित देश के 3600 धरोहरों के लिए उपनियम बनाए। लेकिन शुरुआती सालों में इसकी गति काफी धीमी रही। उल्लेखनीय है कि एएमएएसआर कानून प्राचीन व ऐतिहासिक स्मारकों, पुरातात्विक स्थलों और राष्ट्रीय महत्व के अवशेषों के संरक्षण, पुरातात्विक खुदाई और मूर्तियों व नक्काशी के संरक्षण की बात करता है। इसके तहत बनने वाले उपनियम धरोहरों व उसके आसपास के परिसर के विकास, उसकी देखरेख व संरक्षण को लेकर एक खाका तैयार करते हैं।

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धरोहर को ध्यान में रखते हुए उपनियम
आमतौर पर पर इसमें धरोहर को ध्यान में रखते हुए उपनियम बनाए जाते हैं। जो उसके महत्व, आकार, ऊंवाई, उसके आसपास की जगह को देखकर तय किए जाते हैं। प्राधिकरण के अध्यक्ष तरुण विजय का कहना था कि पीएम नरेंद्र माेदी की प्रेरणा से इस काम की गति में तेजी लाई गई। अभी हाल में प्राधिकरण ने जिन अहम धरोहरों से जुड़े उपनियमों को अंतिम रूप दिया गया है, उनमें मणिपुर में स्थित 14वीं सदी का विष्णु मंदिर, पुरी का जगन्नाथ मंदिर, जबलपुर का चौसठ योगिनी मंदिर, उत्तराखंड स्थित जगतग्राम अश्वमेध स्थली व लाख मंडल शिव मंदिर अहम हैं।

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आगामी संसद सत्र में मंजूरी के लिए रखा जाएगा
वहीं कुछ अहम धरोहरों से संबंधित उपनियमों के मसौदे तैयार हो रहे हैं, जिन्हें आगामी संसद सत्र में मंजूरी के लिए रखा जाएगा। इन मसौदों के एएसआई से आने का इंतजार हो रहा है, जिन्हें देखकर अंतिम रूप देकर संसद भेजा जाएगा। इन धरोहरों में ताज महल, कुतुब मीनार के अलावा गुजरात के द्वारका स्थित द्वारकाधीश मंदिर, लेह में स्थित हेमिस गोंपा व कश्मीर का मार्तंड मंदिर शामिल हैं।



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