लद्दाख में तैनात अपाचे
इसके बाद सरकार ने तय किया कि अब जो भी अपाचे हेलिकॉप्टर की खरीद होगी, वह सेना को मिलेगी। एयरफोर्स को सभी 22 अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर मिल गए हैं। आखिरी खेप में पांच हेलिकॉप्टर आए, जो जुलाई 2020 में आए थे। उस वक्त ईस्टर्न लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर भारत और चीन के बीच तनाव चरम पर था। एयरफोर्स के सभी 22 अपाचे हेलिकॉप्टर ऑपरेशनल रेडी हैं और ईस्टर्न लद्दाख में भी तैनात हैं। चीन के साथ तनाव के बीच अपाचे हेलिकॉप्टर वहां लगातार उड़ान भर रहे थे।
आर्मी के लिए 6 अपाचे लेने की डील करीब 800 मिलियन डॉलर में साइन हुई है। एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक इनके आने में देरी हो गई है और अब 2024 की शुरुआत से अपाचे हेलिकॉप्टर मिलने शुरू होंगे। अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर दुनिया के सबसे आधुनिक और घातक हेलिकॉप्टर माने जाते हैं। यह दुश्मन की किलेबंदी को भेदकर उसकी सीमा में घुसकर हमला करने में सक्षम हैं।
रात में भी उड़ सकता है अपाचे
अमेरिका ने खुद अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल पनामा से लेकर अफगानिस्तान और इराक में किया है। इसमें दो जनरल इलैक्ट्रिक T700 टर्बोशैफ्ट इंजन हैं और आगे की तरफ एक सेंसर फिट है जिससे यह रात में भी उड़ान भर सकता है। यह 365 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरता है। किसी भी तरह के मौसम में यह अपनी पूरी क्षमता से काम करता है।