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‘पटाखों पर फुल बैन नहीं लगाया जा सकता…’ सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाई कोर्ट का आदेश किया खारिज – supreme court sets aside high court decision to complete ban on firecrackers in west bengal


नई दिल्ली/कोलकाता
कलकत्ता हाई कोर्ट के त्योहार के दौरान पटाखों के इस्तेमाल पर पूरी तरह बैन लगाने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है। हाई कोर्ट ने हाल ही में पश्चिम बंगाल में काली पूजा, दिवाली, छठ पूजा, जगद्धात्री पूजा, गुरु नानक जन्मदिवस, क्रिसमस और न्यू ईयर समेत सभी त्योहार के दौरान पटाखों पर बैन लगाने का फरमान सुनाया था।

जस्टिस एएम खानविलकर और अजय रस्तोगी की विशेष पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही उन पटाखों पर बैन वाला आदेश पारित कर चुका है जिसमें प्रदूषण फैलाने वाली सामग्री इस्तेमाल होती है। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि पटाखों पर पूरी तरह बैन नहीं लगाया जा सकता है। बेंच ने अपने फैसले में प्रमाणित ग्रीन पटाखे उन क्षेत्रों में बेचने और फोड़ने की अनुमति दी है जहां हवा की गुणवत्ता ‘अच्छी’ या ‘मध्यम’ है।

सुप्रीम कोर्ट की विशेष पीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार को यह सुनिश्चित करने की संभावनाएं भी तलाशने के लिए कहा कि प्रतिबंधित पटाखों और उससे संबंधित सामान का राज्य में प्रवेश केंद्र पर ही आयात नहीं हो।

शीर्ष अदालत की पीठ दिवाली के अवकाश के दौरान इस मामले पर सुनवाई के लिए बैठी। वह हाई कोर्ट के 29 अक्टूबर के उस फैसले के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उसने राज्य में सभी तरह के पटाखों की बिक्री, इस्तेमाल और खरीद पर प्रतिबंध लगा दिया था।

उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था, ‘राज्य यह सुनिश्चित करें कि इस साल काली पूजा, दिवाली के साथ-साथ छठ पूजा, जगद्धात्री पूजा, गुरू नानक जयंती और क्रिसमस और नववर्ष की पूर्व संध्या के दौरान किसी भी तरह के पटाखे नहीं जलाए जाए या उनका इस्तेमाल नहीं किया जाए।’ उसने कहा था कि इन अवसरों पर केवल मोम या तेल के दीयों का ही इस्तेमाल किया जाए।



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By admin