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supreme court news in hindi: ​​सबको न्याय मिलना सुनिश्चित किए बगैर संवैधानिक गारंटी अर्थहीन: चीफ जस्टिस – constitutional guarantee meaningless without ensuring justice to all chief justice


नई दिल्ली
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा है कि लीगल सर्विस संस्थानों में महिलाओं की संख्या में बढ़ोतरी की जरूरत है। एनएएलएसए (राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण) के छह सप्ताह चलने वाले पैन इंडिया लीगल अवेयरनेस एंड आउटरीच कैंपेन के शुभारंभ के अवसर पर उन्होंने ये बात कही। इस मौके पर चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि संविधान के तहत समानता के अधिकार को प्रोटेक्ट करने के लिए न्याय तक सबकी पहुंच को सुनिश्चित करना होगा। जब तक सबको समान रूप से न्याय मिलना सुनिश्चित नहीं होगा तब तक संवैधानिक गारंटी अर्थहीन हो जाएगी। इस मौके पर लॉ मिनिस्टर किरण रिजिजू व सुप्रीम कोर्ट के अन्य जस्टिस मौजूद थे।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि बतौर देश हमारा लक्ष्य महिला विकास से महिलाओं के नेतृत्व में विकास की दिशा में आगे बढ़ना होना चाहिए। उन्हंने कहा कि लीगल सर्विस अथॉरिटी को समाज में जो लोग भी हाशिये पर हैं उनके मदद के लिए प्रयत्न करना चाहिए। महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि गरीबों की मदद के लिए गांधी ने बिना स्वार्थ काम किया।

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चीफ जस्टिस ने विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि इस सच से इनकार नहीं किया जा सकता है कि गुंजायमान लोकतंत्र को सुनिश्चित करने के लिए समग्र भागीदारी तय करनी होगी। समुचित विकास तब तक संभव नहीं है जब तक कि न्याय सबको समान रूप से न मिले। संविधान बनाने वालों को देश के आर्थिक और सामाजिक स्थिति के बारे में पता था इसलिए वेलफेयर ऑफ स्टेट की बात कही गई है। सबको जीवन के अधिकार के तहत बुनियादी जरूरत मिले इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है। उक्त तमाम अधिकारों को प्रोटेक्ट करने के लिए कानून के सामने सबको समान तरीके से देखना होगा और सबको न्याय मिले यह सुनिश्चित करना होगा । जब तक सभी को न्याय न मिले तमाम संवैधानिक अधिकार अर्थहीन हो जाएगी।

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चीफ जस्टिस रमना ने यह भी कहा कि कानून मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है कि हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट कॉलिजियम ने जो सिफारिश भेजी है उसे एक-दो दिनों में मंजूर कर लिया जाएगा। इसके तहत 9 चीफ जस्टिस की नियुक्ति के लिए सिफारिश भेजी गई है साथ ही देश भर के हाई कोर्ट में जस्टिस की नियुक्ति के लिए कॉलिजियम ने हाल में कई सिफारिश भेजी है। चीफ जस्टिस रमना ने कहा कि लोगों को यह समझने की जरूरत है कि कानून और संस्थान सभी के लिए है और एक लोकतांत्रिक देश में लोगों का जो विश्वास होता है वही संस्थान को बनाए रखने में मदद करता है। उन्होंने कहा जीवंत ज्यूडिशियरी एक स्वस्थ्य लोकतंत्र के लिए जरूरी है और लेकतंत्र की गुणवत्ता न्याय की गुणवत्ता पर टिकी हुई है।



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