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Chandrayaan 3 : कहां तक पहुंचा अपना चंद्रयान? इसरो ने बताया-तस्वीर से समझ लीजिए – chandrayaan-3 mission spacecraft expected to attain an orbit next firing translunar injection on 1 august


नई दिल्ली : चंद्रयान-3 के सफलतापूर्वक प्रक्षेपण के बाद से लोगों को इसके चांद पर उतरने का इंतजार है। इसरो भी चंद्रयान पर बारीकी से नजर बनाए हुए। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के वैज्ञानिकों ने ‘चंद्रयान-3’ को चंद्रमा की कक्षा में ऊपर उठाने की पांचवें चरण की प्रक्रिया मंगलवार को सफलतापूर्वक पूरी कर ली। इस प्रक्रिया से यान पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकलेगा। और एक अगस्त को निर्धारित कार्यक्रम के तहत चंद्रमा की तरफ बढ़ेगा।

चंद्रमा के करीब पहुंच रहा चंद्रयान

इस तरह की प्रत्येक प्रक्रिया का मतलब है कि यान पृथ्वी की कक्षा से आगे निकल रहा है और चंद्रमा की कक्षा के करीब पहुंच रहा है। इसरो ने कहा कि यह कार्य बेंगलुरु में इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (ISTRAC) से किया गया। इसरो ने कहा कि यान के 127609 किलोमीटर X 236 किलोमीटर की कक्षा में पहुंचने की उम्मीद है। अवलोकन के बाद हासिल की गई कक्षा की पुष्टि की जाएगी।

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1 अगस्त की आधी रात को टीएलआई

चंद्रयान-3 ने 14 जुलाई को चंद्रमा की सतह के लिए उड़ान भरी थी। इसरो ने कहा कि चंद्रयान को कक्षा में ऊपर उठाने की अगली प्रक्रिया ‘ट्रांसलूनार इंजेक्शन (टीएलआई)’ एक अगस्त 2023 को मध्य रात्रि 12 बजे से एक बजे के बीच की जाएगी। इसरो के एक अधिकारी ने बताया कि टीएलआई की प्रक्रिया के बाद चंद्रयान-3 पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकल जाएगा। इसके बाद चंद्रयान उस पथ पर अग्रसर हो जाएगा, जो उसे चंद्रमा के करीब ले जाएगा।
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23 अगस्त को होनी है चंद्रमा पर लैंडिंग

अधिकारी के मुताबिक, दूसरे शब्दों में कहें तो एक अगस्त को टीएलआई प्रक्रिया पूरी होने के बाद यान पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकल जाएगा और चंद्रमा के करीब पहुंचने के अपने सफर की शुरुआत करेगा। उन्होंने बताया कि टीएलआई प्रक्रिया चंद्रयान-3 को ‘लूनार ट्रांसफर ट्रैजेक्टरी’ (चंद्र स्थानांतरण प्रक्षेपवक्र) यानी चंद्रमा की कक्षा में दाखिल होने के सफर पर ले जाएगी। इसरो ने कहा है कि वह आगामी 23 अगस्त को चंद्रयान-3 की चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कराने की कोशिश करेगा।
(एजेंसी इनपुट के साथ)



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