नई दिल्ली: सीवोटर की ओर से किए गए एक विशेष सर्वे से पता चला है कि चार में से तीन से अधिक भारतीय इस साल मई से मणिपुर में हुई हिंसा से अवगत हैं।इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि बहुत-से लोग चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मामले में व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करें। इस सवाल पर कि क्या प्रधानमंत्री मोदी को मणिपुर में हिंसा रोकने के लिए व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करना चाहिए, कुल मिलाकर 80 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने सकारात्मक उत्तर दिया।
इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि एक बड़ा बहुमत चाहता है कि मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह अपने पद से इस्तीफा दे दें। सीवोटर सर्वे में करीब 60 फीसदी उत्तरदाताओं की राय है कि बीरेन सिंह को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। एक चौथाई से भी कम लोग चाहते हैं कि बीरेन सिंह मुख्यमंत्री बने रहें। एनडीए के करीब आधे समर्थक चाहते हैं कि बीरेन सिंह इस्तीफा दे दें, जबकि केवल एक तिहाई चाहते हैं कि वह बने रहें। विपक्षी दलों का समर्थन करने वाले उत्तरदाताओं में से दो तिहाई से अधिक चाहते हैं कि वह तुरंत इस्तीफा दे दें।
इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि एक बड़ा बहुमत चाहता है कि मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह अपने पद से इस्तीफा दे दें। सीवोटर सर्वे में करीब 60 फीसदी उत्तरदाताओं की राय है कि बीरेन सिंह को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। एक चौथाई से भी कम लोग चाहते हैं कि बीरेन सिंह मुख्यमंत्री बने रहें। एनडीए के करीब आधे समर्थक चाहते हैं कि बीरेन सिंह इस्तीफा दे दें, जबकि केवल एक तिहाई चाहते हैं कि वह बने रहें। विपक्षी दलों का समर्थन करने वाले उत्तरदाताओं में से दो तिहाई से अधिक चाहते हैं कि वह तुरंत इस्तीफा दे दें।
पूर्वोत्तर राज्य 3 मई, 2023 से अनियंत्रित हिंसा की चपेट में है। जब मणिपुर उच्च न्यायालय ने स्वदेशी मैतेई जनजाति को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने का आदेश दिया तो कुकी जनजाति के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पर रोक लगा दी और मणिपुर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को फटकार लगाई। कुकी समुदाय के सदस्यों का विरोध प्रदर्शन जल्द ही भयानक हिंसा में बदल गया, क्योंकि दोनों समुदायों के उग्रवादी वर्गों ने एक-दूसरे पर हमले शुरू कर दिए, पुलिस चौकियों और शस्त्रागारों पर हमला किया और हथियार लूट लिए।