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जबरन चुप कराने और देशद्रोही घोषित करने से नष्ट होगा देश का लोकतंत्र… कांग्रेस ने अंबेडकर जयंती पर बोला केंद्र पर हमला – congress attacked on modi government over constitution democracy and calling antinational


नई दिल्ली:कांग्रेस ने बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर की जयंती के मौके पर शुक्रवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा। मुख्य विपक्षी कांग्रेस ने कहा कि विपक्षी दलों, सामाजिक संगठनों और नागरिकों को ‘जबरन चुप कराने’ और ‘देशद्रोही घोषित करने’ का चलन खतरनाक है। इससे लोकतंत्र नष्ट हो जाएगा। पार्टी संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने यह आरोप भी लगाया कि भारतीय नागरिकों को धर्म, जाति, भाषा और लिंग के आधार पर बांटने एवं उन्हें एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करने के लिए सत्ता का दुरुपयोग करने वाले ‘असली राष्ट्र विरोधी’ हैं। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने लोगों का आह्वान किया कि वे ‘सुनियोजित ढंग से हो रहे हमले’ से संविधान को बचाने के लिए कदम बढ़ाएं। सोनिया गांधी ने उक्त बातें अंग्रेजी समाचार पत्र द टेलीग्राफ में लिखी हैं।

संविधान को नष्ट कर रही है मौजूदा सरकार- सोनिया गांधी
डॉ. भीमराव आंबेडकर जयंती पर समाचार पत्र ‘द टेलीग्राफ’ में लिखे एक लेख में सोनिया गांधी ने कहा, ‘आज हम बाबासाहेब की विरासत का सम्मान करते हैं। इसके साथ ही हमें उनकी उस चेतावनी को भी याद रखना होगा कि संविधान की सफलता उन लोगों के व्यवहार पर निर्भर करती है जिन्हें शासन करने का उत्तरदायित्व मिला है।’ उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार सत्ता का दुरुपयोग कर संविधान को नष्ट कर रही है तथा न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुत्व की बुनियादों को कमजोर कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘आज असली राष्ट्र विरोधी वह लोग हैं जो भारतीय नागरिकों को धर्म, जाति, भाषा और लिंग के आधार पर बांटने के लिए सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं।’ सोनिया गांधी ने कहा, ‘शुक्र है कि सत्ता के प्रयासों के बावजूद भारतीय नागरिकों में बंधुत्व की भावना की जड़ें गहरी हैं।’

देशद्रोही घोषित करना खतरनाक चलन- कांग्रेस
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आंबेडकर जयंती पर जारी एक बयान में संविधान निर्माता के योगदान का विस्तृत उल्लेख किया। उनके कुछ कथनों को उद्धृत करते हुए कहा कि ‘यह गंभीर आत्मनिरीक्षण का समय है। क्या हम अपने लोकतंत्र के पतन की अनुमति देंगे और तानाशाही के लिए मार्ग प्रशस्त करेंगे?’ खरगे ने कहा, ‘विपक्षी दल हों या सामाजिक समूह, गैर सरकारी संगठन, न्यायपालिका, मीडिया व आम नागरिक हों, उन्हें जबरन चुप कराना और ‘देशद्रोही’ घोषित करना एक खतरनाक चलन है। यह हमारे लोकतंत्र को खत्म कर देगा और हमारे संविधान को नष्ट कर देगा।’ उन्होंने कहा, ‘बाबासाहेब ने हमें भारतीय राजनीति के संदर्भ में ‘नायक-पूजा’ या ‘भक्ति’ की बुराइयों के बारे में चतावनी दी थी। यह गंभीर आत्मनिरीक्षण का समय है, क्या हम अपने लोकतंत्र के पतन की अनुमति देंगे और तानाशाही के लिए मार्ग प्रशस्त करेंगे? या हमारे संविधान निर्माताओं के बेहतरीन आदर्शों की रक्षा करने का प्रयास करेंगे?’

बाबासाहेब के बनाए संविधान पर हो रहा हमला- कुमारी सैलजा

कांग्रेस महासचिव कुमारी सैलजा ने संवाददाताओं से कहा, ‘बाबासाहेब ने जिस संविधान की रचना की थी आज उस पर हमले हो रहे हैं। संसद में जनता के मुद्दों पर चर्चा रोकी जा रही है, संसद को चलने नहीं दिया जाता और नए संसद भवन के लिए करोड़ों खर्च किए जा रहे हैं।’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘हम जनता से जुड़े किसी भी मुद्दे – बेरोज़गारी, महंगाई या अडाणी घोटाले पर बात नहीं कर सकते। विपक्ष को निशाना बनाने के लिए सीबीआई और ईडी का दुरुपयोग किया जा रहा है। कानून मंत्री अब धीरे-धीरे न्यायपालिका पर खुले हमले कर रहे हैं।’

कांग्रेस नेता ने कटाक्ष करते हुए, ‘आज प्रधानमंत्री की नायक-पूजा हो रही है। जबकि संविधान सभा के अपने अंतिम भाषण में बाबासाहेब ने ऐसी औचित्यहीन नायक-पूजा के ख़िलाफ़ चेतावनी देते हुए कहा था कि राजनीति में, भक्ति पतन और अंततः तानाशाही के लिए एक निश्चित मार्ग है। आज के भक्तों को उनकी बुद्धिमानी भरी बातें सुननी चाहिए।’ उन्होंने कहा, ”संप्रग सरकार द्वारा कराई गई सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना के आंकड़े जारी नहीं किए गए, जनगणना 2021 को कोविड के बहाने ठंडे बस्ते में डाल दिया गया और जातिगत जनगणना की मांग को ठुकरा दिया गया।’ सैलजा ने आरोप लगाया कि अंधाधुंध निजीकरण और सरकारी पदों को ख़ाली रखकर पिछले दरवाजे से आरक्षण को संकुचित किया जा रहा है तथा सुनियोजित ढंग से नफ़रत और विभाजन का माहौल तैयार किया गया है।

उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस ने अपने महाधिवेशन में प्रतिबद्धता जताई है कि सामाजिक न्याय के लिए नई राष्ट्रीय परिषद बनेगी, हर दशक में जनगणना के साथ-साथ सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना होगी, शिक्षण संस्थानों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों की सुरक्षा के लिए “रोहित वेमुला विधेयक” पारित किया जाएगा और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम का प्रभावी क्रियान्वयन होगा।’



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