एनआईए ने कहा कि रऊफ पीएफआई का राज्य सचिव था और केरल में इसके मीडिया और जनसंपर्क विंग का काम देखता था। केरल में पीएफआई, उसके पदाधिकारियों, सदस्यों और सहयोगियों के खिलाफ दर्ज मामले की जांच के दौरान नाम सामने आने के बाद से रऊफ फरार था। एनआईए ने कहा है कि पीएफआई और उससे जुड़े संगठन शांति को भंग करने और भारत के खिलाफ असंतोष पैदा करने के इरादे से विभिन्न धर्मों और समूहों के सदस्यों के बीच दुश्मनी पैदा करने और अवैध गतिविधियों में लिप्त होने की साजिश रचते पाए गए हैं।
प्रवक्ता ने कहा, ‘वे वैकल्पिक न्याय वितरण प्रणाली का प्रचार करते हुए भी पाए गए हैं जो आपराधिक बल के उपयोग को सही ठहराते हैं जिसके परिणामस्वरूप लोगों में भय पैदा होता है। युवाओं को आतंकवादी संगठनों -लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस)/दाएश और अल-कायदा में शामिल होने के लिए उकसाया जाता है, और हिंसक जिहाद के तहत आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देकर भारत में इस्लामी शासन स्थापित करने की साजिश रची गई।’ इससे पहले, मामले की जांच के दौरान 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, जबकि रऊफ गिरफ्तारी से बच गया और फरार था। अधिकारी ने कहा, ‘वह मौजूदा मामले में मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है।’