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भोपाल: देश में करीब 70 साल बाद विदेशी सरजमीं से 8 चीतों को भारत लाया गया। जब से ये 8 चीते नामीबिया से कूनो लाए गए हैं, लोगों में इन्हें देखने की उत्सुकता बढ़ गई है। हर कोई इन चीतों को एक बार देखना चाहता है। यही नहीं देश में चीतों की आबादी बढ़े इसके लिए भी कोशिशें जारी हैं। इसी बीच मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) से गुड न्यूज सामने आई है। ‘आशा’ नाम की मादा चीता के गर्भवती होने की खबर सामने आ रही है। नामीबिया से आए 8 चीतों में 3 मादा चीता हैं। इनमें से एक ‘आशा’ भी शामिल है, ये नाम खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही दिया है। ‘आशा’ के गुड न्यूज देने की सूचना से वन अधिकारियों में उम्मीद जगी है कि जल्द चीतों की आबादी देश में बढ़ेगी।

नामीबिया से आई ‘आशा’ दे सकती है गुड न्यूज
कुनो में चीता प्रोजेक्ट की बारीकी से निगरानी कर रहे अधिकारियों का कहना है कि ‘आशा’ के गर्भवती होने के सभी संकेत नजर आ रहे हैं। उसके व्यवहारिक, शारीरिक और हार्मोनल बदलाव से प्रेग्नेंसी की पुष्टि हो रही। हालांकि, चीता प्रोजेक्ट से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि अभी तक के संकेत से हम उत्साहित हैं लेकिन हमें यह सुनिश्चित करने के लिए अक्टूबर के आखिर तक इंतजार करना होगा।

चीता आशा के गर्भवती होने की सूचना

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MP के कुनो से आई खुशखबरी
चीता कंजर्वेशन फंड (CCF) के कार्यकारी निदेशक लॉरी मार्कर ने कहा कि अगर आशा गर्भवती है, तो यह उसका पहला मौका है। माना जा रहा कि नामीबिया में ही ऐसा हुआ, उसे जंगल में देखा गया था। अगर उसके पास शावक हैं, तो हमें उसे प्राइवेसी और शांत माहौल देना होगा। उसके आस-पास कोई भी नहीं होना चाहिए। इसके साथ ही उसके बाड़े में खाने-पीने की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए।

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देश में चीतों की संख्या बढ़ने की जागी उम्मीद
डॉ लॉरी मार्कर ने टीओआई को बताया कि आशा जंगल से होकर आई है, ऐसे में संभव है कि वह गर्भवती हो सकती है। अगर ऐसा है, तो यह चीता प्रोजेक्ट के लिए बेहद अहम और गंभीर हो जाता है। खास तौर से प्रबंधन में मदद करने के लिए जमीन पर प्रशिक्षित कर्मचारियों की तैनाती होनी चाहिए। ‘आशा’ चीते के तनाव को कम करने के लिए खाली जगह और शांत माहौल की जरूरत होगी। ताकि वह अपने शावकों के पालन-पोषण पर ध्यान केंद्रित कर सके। अगर आशा शावक को जन्म देती है तो नामीबिया से आए 8 चीतों के बाद ये एक और उपहार होगा।

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55 दिन में होगी ‘आशा’ के गर्भवती होने की पुष्टि
17 सितंबर को नामीबिया से 8 चीते मध्य प्रदेश के कुनो लाए गए। खुद प्रधानमंत्री मोदी ने अपने जन्म दिन पर इन चीतो को कुनो पार्क में छोड़ा। इन चीतों को नए घर में अपनापन महसूस हो इसके लिए कई तैयारियां की गईं। WII-देहरादून और एमपी वन विभाग लगातार इनकी निगरानी में जुटे हैं। एक अधिकारी ने नाम न बताने का अनुरोध करते हुए कहा कि हां, आशा के गर्भावस्था का संकेत है, लेकिन हमें पुष्टि के लिए कुछ सप्ताह इंतजार करना होगा। आम तौर पर इसकी पुष्टि के लिए 55 दिन का वक्त लगता है।

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चीता शावकों की सुरक्षा भी बड़ी टेंशन
प्रोजेक्ट चीता में एक और चुनौती है कि गैर-संरक्षित इलाकों में बड़े शिकारियों की वजह से चीता शावकों की मृत्यु दर नेशनल पार्क और वन्यजीव अभ्यारण्य जैसे संरक्षित क्षेत्रों में अधिक होता है। ऐसे इलाको में, चीता शावक मृत्यु दर 90 फीसदी तक हो सकती है। जन्म के समय, शावकों का वजन 240 ग्राम से 425 ग्राम तक होता है और वे अंधे और असहाय होते हैं। सीसीएफ का कहना है कि एक या दो दिन बाद, मां को अपने शिकार के लिए शावकों को छोड़ना होगा, ताकि वह उनकी देखभाल करना जारी रख सकें।

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शावकों के लिए यह सबसे मुश्किल दौर होता है, क्योंकि उन्हें असुरक्षित छोड़ दिया जाता है। फिलहाल इसके लिए भी जरूरी तैयारी की जा रही है। मादा चीता शावकों के आने पर करीब डेढ़ साल तक उनकी देखभाल करेगी। इसके बाद शावक अपनी मां का पीछा करना शुरू कर देते हैं। जब वह शिकार की तलाश में होती है। हालांकि, कुछ महीनों के दौरान वह दूर या तेज नहीं चल सकते।



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