सुप्रीम कोर्ट ने एक दिन पहले दिया था आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिए अपने आदेश में विवाहित और अविवाहित सभी महिलाओं को 24 हफ्ते तक नियम के तहत गर्भ का सेफ टर्मिनेशन की इजाजत दे दी थी साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने एमटीपी एक्ट के तहत मेरिटल रेप मामले में भी प्रिगनेंसी टर्मिनेशन की इजाजत दी है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने कहा है कि एमटीपी एक्ट और पोक्सो एक्ट को साथ में देखने की जरूरत है।
18 साल से कम उम्र की लड़की को गर्भपात की इजाजत
इस तरह से 18 साल से कम उम्र की कोई लड़की है तो उसकी प्रिगनेंसी टर्मिनेट की इजाजत होगी। बेंच ने कहा है कि पोक्सो एक्ट जेंडर न्यूट्रल है और 18 साल से कम उम्र के नाबालिग के साथ सेक्सुअल ऑफेंस में सजा का प्रावधान है। 18 साल से कम उम्र के बच्चे की सहमति के कोई मायने नहीं है। ऐसे बच्चों की सहमति से भी संबंध रेप और पोक्सो के तहत अपराध है।