
छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय
गोपालगंज के थावे प्रखंड के इंदरवा गांव के रहने वाले जनक राम छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय हो गए थे। इन्होंने गोपालगंज से 1988 में मैट्रिक की परीक्षा पास की। 1990 में इंटर की परीक्षा पास की और 1993 में मुजफ्फरपुर से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। 1996 में इन्होंने राजेंद्र कॉलेज छपरा से एमए की।

कांशीराम से सीखा राजनीति का ककहरा
जनक राम बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशी राम ( Kanshi Ram ) से इस कदर प्रभावित हुए कि उन्होंने छात्र जीवन में ही बहुजन समाज पार्टी ज्वाइन कर लिया। मैट्रिक की परीक्षा पास करते ही ये बसपा के बिहार में सक्रिय सदस्य बन गए थे। जनक राम के मुताबिक, आंबेडकर की विचारधारा को कांशी राम ने अपने मंच से कुछ इस तरह से समझाया कि इनकी राजनीति में आने की इच्छा प्रबल हो गई। ये असहाय, गरीब और निर्धन व वंचित समाज के लिए कुछ करने को लेकर राजनीति में कूद गए।

उत्तर बिहार की राजनीति में काफी मजबूत नेता
बहुजन समाज पार्टी में कई वर्षों तक बिहार में इनका योगदान रहा। इस दौरान ये गोपालगंज और उत्तर बिहार की राजनीति में काफी मजबूत नेता हो गए थे। बाद में मोदी से प्रभावित होकर इन्होंने 2013 में भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन किया। 2014 में जब देश में लोकसभा चुनाव हुआ तब भाजपा कैंडिडेट के तौर पर ये पहली बार गोपालगंज से सांसद बने।

नरेंद्र मोदी से प्रभावित हो बीएसपी छोड़ा
जनक राम के मुताबिक, गोधरा कांड में गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) के कार्यों से वे इस कदर प्रभावित हुए थे कि ये भाजपा में शामिल हो गए और सांसद बन गए। जनक राम ने कहा कि आज वे मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी को मजबूत कर रहे हैं। जनक राम जब गोपालगंज के सांसद थे तब उन्हें बीजेपी के द्वारा अनुसूचित जाति जनजाति का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया। इन्हें झारखंड का प्रभारी भी बनाया गया। जनक राम का कद बढ़ा है, जिसकी वजह से पार्टी ने इन्हें कई अहम जिम्मेदारी सौंपी।