पीठ ने कहा, ‘वे इसे बनाएंगे और आपको सौंप देंगे और आयकर के तहत छूट का दावा करेंगे। एक नई अवधारणा सामने आएगी। फिर एक नई अवधारणा विकसित होगी, अग्रिम जमानत से लेकर अग्रिम जेल तक।’
पीठ ने यह टिप्पणी उस समय की जब सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि जेलों में काफी भीड़ है और केवल आयुर्वेद चिकित्सक ही मरीजों के लिए उपलब्ध हैं।
पीठ ने कहा कि जेलों का अध्ययन किसी भी सरकार के लिए सबसे कम प्राथमिकता वाला क्षेत्र है।
न्यायालय ने एल्गार परिषद-माओवादी लिंक मामले में जेल में बंद गौतम नवलखा को तुरंत इलाज के लिए मुंबई के जसलोक अस्पताल में स्थानांतरित करने का तलोजा जेल अधीक्षक को निर्देश दिया। इससे पहले नवलखा के वकील ने कहा कि वह कैंसर से पीड़ित हैं।