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नई दिल्ली: बिहार के सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) तीन दिन के दिल्ली दौरे पर हैं। नीतीश लगातार विपक्षी नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। मेल-मिलाप के बाद नीतीश केवल इतना कह रहे हैं कि उनका मकसद विपक्ष को एकजुट करना है। बिहार के सीएम अबतक राहुल गांधी, एचडी कुमारस्वामी, सीताराम येचुरी, लालू यादव से मुलाकात कर चुके हैं। वह दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से भी मुस्कुराकर मिल लिए हैं। 2019 में लोकसभा चुनाव में हार से हताश विपक्ष को नीतीश कुमार साधने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं। आरजेडी जहां नीतीश को पीएम मैटेरियल बता रही है वहीं, पीएम कैंडिडेट की रेस से नीतीश खुद को अलग दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। आइए जानते हैं कि जिन नेताओं से नीतीश कुमार अभी मिल रहे हैं उन्होंने पूर्व में बिहार के सीएम के लिए क्या कहा है? या फिर नीतीश ने मिलने वाले नेताओं के लिए कौन से शब्दबाण का प्रयोग किया था।

राहुल गांधी ने 2015 में की थी पैरवी
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने 2015 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार को सीएम बनाने के लिए लामबंदी की थी। बिहार विधानसभा चुनाव में राहुल ने नीतीश कुमार को महागठबंधन का चेहरा बनाने के लिए जोर डाला था। उन्होंने लालू यादव को इसके लिए तैयार किया। चुनाव के नतीजे के बाद आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। लालू यादव की पार्टी ड्राइवर सीट पर थी। लालू चाहते तो थे कि उनका छोटा बेटा तेजस्वी सीएम बने लेकिन राहुल के कारण लालू ने नीतीश के साथ रहे। वैसे भी कांग्रेस ने कभी भी सीधा नीतीश पर हमला नहीं किया है। चुनावी रैलियों की बात छोड़ दें तो राहुल कभी नीतीश पर सीधे हमलावर नहीं रहे हैं। कांग्रेस पार्टी हालांकि कभी खुलकर आरजेडी के नीतीश को पीएम मैटेरियल वाले बयान का समर्थन नहीं किया है। तो बात जब राष्ट्रीय स्तर की होगी तो क्या यहां कांग्रेस और राहुल पूरी तरह नीतीश के साथ खड़े होंगे ये देखने वाली बात होगी।
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येचुरी ने कहा था- नीतीश ने धोखा दिया
येचुरी ने कहा था कि नीतीश ने विपक्ष को धोखा दिया। उन्होंने कहा कि वह जो करना चाहते हैं वो करें। विपक्ष का ये मानना था कि नीतीश कुमार पीएम बनने के लायक थे। लेकिन जब वो इस तरीके के काम किए वापस बीजेपी के साथ चले गए तो वो हालात बदल गया। 2019 के सवाल के जवाब 2019 में ही मिलेगा। अब नीतीश ने येचुरी से भी मुलाकात की है। इस मुलाकात के बाद नीतीश ने कहा कि वह बीजेपी को हटाने के लिए विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं। नीतीश ने ये भी साफ किया कि उनकी इच्छा पीएम पद की रेस में शामिल होने की नहीं है। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि क्या येचुरी नीतीश पर इसबार भी भरोसा करेंगे?

क्या येचुरी के बदल गए सुर?
नीतीश ने आज युचेरी से मुलाकात के बाद कहा, ‘हमारा पुराना सम्बंध रहा है। हम पहले से आते रहे है। देश भर की विपक्षी पार्टी एकजुट हो रही है। ये अच्छी बात है। अगर हमसब एक जुट हो जाएं तो सरकार को घेर लेंगे। येचुरी ने नीतीश से मुलाकात के बाद कहा कि नीतीश कुमार का स्वागत है। ये समूह में आए हैं। आज सबसे ज्यादा जरूरी है। संविधान को बचाना। हम सब एक हो रहे है।
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नीतीश के फैसले से एचडी देवगौड़ा हुए थे खुश

देश के पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा ने नीतीश के बीजेपी से अलग होने के बाद कहा था कि वो चाहते हैं कि जनता दल के पुराने साथी एक हों। उन्होंने कहा था कि वो बूढ़े हो गए हैं। लेकिन वह चाहते हैं कि नई पीढ़ी इस महान देश को अच्छा विकल्प दे। गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने देवगौड़ा के बेटे एचडी कुमारस्वामी से भी मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद भी नीतीश ने इसे विपक्षी एकता को लामबंद करने की कोशिश करार दिया था। वैसे भी जेडीएस कभी खुले तौर पर नीतीश के विरोध में नहीं दिखी है।
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अरविंद केजरीवाल भी कर रहे देश की बात
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी आजकल लगातार देश की बात कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी के नेता केजरीवाल को भी पीएम पद का कैंडिडेट बताते रहे हैं। इस बीच केजरीवाल ने नीतीश कुमार से मुलाकात से पहले देश को फिर से नंबर वन बनाने की अपील की है। इसके लिए केजरीवाल ने एक नंबर भी जारी किया है। पिछले कुछ समय से केजरीवाल भी देश को नंबर एक बनाने की तैयारी में जुटे हैं। गौरतलब है कि 2018 में नीतीश कुमार ने केजरीवाल पर इशारों में हमला बोला था। नीतीश ने कहा था कि वह विज्ञापन वाले लोग नहीं है और अपनी योजनाओं का विज्ञापन दूसरे राज्यों में नहीं करवाते हैं। दोनों नेता गाहे-बगाहे एक-दूसरे पर हमला बोलते रहे हैं।



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