कॉलेज के बाद नौकरी के बजाए बनाया यूट्यूब चैनल

कॉलेज खत्म करने के बाद प्रांजल कामरा ने खुद का कुछ काम करने का सोचा। उन्होंने नौकरी के बजाय फाइनेंस और बैकिंग से जुड़ी सलाह और जानकारियां ऑनलाइन देनी शुरू कीं। वह यूट्यूब पर एजुकेशनल वीडियो अपलोड करने लगे। शुरू में उनके वीडियोज पर कुछ ही व्यूज आते थे, पर धीरे-धीरे मेहनत रंग लाने लगी। लोगों को उनकी दी गई जानकारियां पसंद आने लगीं। आज उनके चैनल पर 44 लाख सब्सक्राइबर हैं। प्रांजल अकेले नहीं हैं जिन्होंने ऑनलाइन टीचिंग को करियर के तौर पर अपनाया।
नौकरी छोड़कर ऑनलाइन कोचिंग में हाथ आजमाया

यूएस में बड़ी कंपनी में काम कर रहे संदीप मनोचा ने नौकरी छोड़कर ऑनलाइन कोचिंग में हाथ आजमाया। संदीप ने बताया कि उन्होंने यूएस से मास्टर्स किया और उसके बाद माइक्रोसॉफ्ट में जॉब की। पिताजी की तबीयत बिगड़ने पर भारत लौटे। मां बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती हैं, तो उन्होंने भी मां के साथ बच्चों को पढ़ाना शुरू किया। बस यहीं से उनके टीचिंग करियर की शुरुआत हुई। इसके बाद उन्होंने देशभर के बच्चों से जुड़ने के लिए ऑनलाइन पढ़ाना शुरू किया। जनवरी 2018 में ‘मनोचा अकैडमी’ के नाम से यूट्यूब चैनल शुरू किया। आज अपनी वेबसाइट के जरिए बच्चों को लाइव ऑनलाइन क्लास दे रहे हैं। संदीप का कहना है कि कोविड के दौर में ऑनलाइन पढ़ाई सीखने-सिखाने का उम्दा मंच बनकर उभरा है। लॉकडाउन के कारण स्कूल से दूर रहे बच्चों ने ई-लर्निंग ऐप, यूट्यूब और वेबसाइट समेत अन्य डिजिटल मीडियम से पढ़ाई जारी रखी।
ऑनलाइन क्लासेज से दूसरे शहर के बच्चों तक बनी पहुंच

‘स्टडी आईक्यू’ के गौरव गर्ग ने बताया कि वह दिल्ली में अपना कोचिंग सेंटर चलाते थे। मोबाइल इंटरनेट का चलन बढ़ा तो उन्होंने ऑनलाइन पढ़ाना शुरू किया। इससे फायदा यह हुआ कि उनकी पहुंच दूसरे शहरों के बच्चों तक बढ़ गई। जून 2015 में ‘स्टडी आईक्यू’ यूट्यूब चैनल शुरू किया था। आज उनके चैनल पर 1.20 करोड़ सब्सक्राइबर हैं। वेबसाइट और यूट्यूब चैनल के जरिए सिविल सर्विस और कॉम्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी कराई जाती है। सैकड़ों बच्चे इसके जरिए ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं।