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rashtrapati chunav kisse: President Election 2022, kisse rastrapati chunav, ​कोई रहा दिल्ली में, कोई चला गया… राष्ट्रपति भवन के बाद कहां रहे महामहिम जानिए


देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद 1962 में पदमुक्त होने के बाद पटना शिफ्ट हो गए थे। वे दिल्ली में नहीं रहे। डॉ. राजेंद्र प्रसाद की पटना के लिए विदाई नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से हुई थी। देश के दूसरे राष्ट्रपति एस. राधाकृष्णन 1962 से 1967 तक अपने पद पर रहने के बाद चेन्नै शिफ्ट हो गए थे। डॉ. जाकिर हुसैन 13 मई 1967 से लेकर 3 मई 1969 तक देश के तीसरे राष्ट्रपति रहे। उनका पद पर रहते हुए निधन हो गया था। उनकी और उनकी पत्नी शाहजहां बेगम जामिया मिलिया इस्लामिया के पास के कब्रिस्तान में चिरनिद्रा में हैं।

जिस सड़क से गुजरी शव यात्रा उसका नाम बदला

दरअसल डॉ. जाकिर हुसैन की शवयात्रा राष्ट्रपति भवन से जामिया मिलिया इस्लामिया की तरफ गई थी। शव यात्रा रास्ते में पुराने वेस्ली रोड से गुजरी थी, इसलिए उस सड़क का नाम आगे चलकर डॉ जाकिर हुसैन रोड कर दिया गया था। भारत के चौथे राष्ट्रपति वीवी गिरी 24 अगस्त 1969 से 24 अगस्त 1974 तक अपने पद पर रहने के बाद चेन्नै चले गए थे। उनके नाम का एक प्लॉट लंबे समय से ईस्ट दिल्ली के विकास मार्ग पर खाली पड़ा है। उसमें उनकी नेमप्लेट भी लगी है।

​​कोई रहा दिल्ली में, कोई चला गया

राष्ट्रपति डॉ फखरुद्दीन अली अहमद का 11 फरवरी 1977 को पद पर रहते हुए निधन हो गया था। एन संजीव रेड्डी 1977 से 1982 तक देश के राष्ट्रपति रहे। वह भी राष्ट्रपति भवन को छोड़ने के बाद दिल्ली से चले गए थे। उनका 1996 में बेंगलुरु में निधन हो गया था। ज्ञानी जैल सिंह 1982-1987 तक देश के राष्ट्रपति रहे। वे राष्ट्रपति भवन को छोड़ने के बाद तीन मूर्ति के पास सर्कुलर रोड के एक बंगले में रहने लगे थे। सर्कुलर रोड को अब उमाशंकर दीक्षित मार्ग कहते हैं। वे शीला दीक्षित के ससुर और स्वाधीनता सेनानी थे।

वापस तो लौटे लेकिन हुआ हंगामा

आर वेकटरामन 1987-92 तक देश के नवें राष्ट्रपति रहे। वे दिल्ली में तो नहीं रहे पर जब वे चेन्नै वापस गए तो काफी हंगामा इसलिए हुआ क्योंकि उनके पास अपने तीन घर थे। इसके बावजूद उन्होंने राज्य सरकार से सरकारी आवास की मांग की। उनके बाद शंकर दयाल शर्मा देश के राष्ट्रपति 1992-1997 रहे। उनका 1999 में निधन हुआ। उन्हें सफदरजंग रोड में बंगला मिला था। उनके बाद उनकी पत्नी विमला शर्मा उस बंगले में 2020 तक रहीं।

​दो महामहिम किस बंगले में

केआर नारायणन राष्ट्रपति पद पर 1997-2002 तक रहे। वे राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद लुटियन दिल्ली में ही रहे। एपीजे अब्दुल कलाम पद से मुक्त हुए तो उन्हें सरकार ने 10 राजाजी मार्ग का बंगला आवंटित किया। ये बेहद खास बंगला है। राष्ट्रपति पद से 2017 में मुक्त होने के बाद प्रणव कुमार मुखर्जी भी इसी बंगले में रहे। यहां उनका निधन हुआ। यह डबल स्टोरी बंगला है। लुटियन दिल्ली के बहुत ही कम बंगले बंगले डबल स्टोरी है। इसी बंगले में भारत के पहले गवर्नर जनरल सी राजगोपालाचारी भी रहे हैं। चूंकि इधर कुछ समय तक सी राजगोपालचारी भी रहे हैं, इसलिए इसके आगे की सड़क का नाम उनके नाम पर राजाजी मार्ग रख दिया गया था। प्रणव कुमार मुखर्जी से पहले प्रतिभा पाटिल देश की राष्ट्रपति रहीं। वह अपने पद को छोड़ने के बाद पुणे शिफ्ट कर गई थीं। दरअसल नियम यह है कि सरकार को पूर्व राष्ट्रपति को सेवा से मुक्त होने के बाद राजधानी में कैबिनेट मंत्री को आवंटित होने वाला बंगला ही आवंटित करना होता है। अगर उनकी मृत्यु हो जाती तो वह बंगला उनकी पत्नी/ पति को मिल जाता है।



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By admin