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नई दिल्ली: अग्निपथ स्कीम के बाद देश भर में प्रदर्शन मामले (Anti Agnipath Scheme Protest) की एसआईटी जांच की मांग वाली याचिका को सुनवाई के लिए तभी लिस्ट किया जाएगा जब चीफ जस्टिस (CJI Of India) इस मामले में फैसला लेंगे। इससे पहले याचिकाकर्ता वकील विशाल तिवारी ने कहा कि मामले को जल्द सुनवाई के लिए लिस्ट किया जाए। वेकेशन बेंच ने कहा कि मामला तभी लिस्ट होगा जब चीफ जस्टिस इस मामले को देखेंगे। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के जस्टिस सीटी राजकुमार और जस्टिस सुधांशु धुलिया की वेकेंशन बेंच के सामने याचिकाकर्ता एडवोकेट ने मामला उठाया और कहा कि मामले में सुनवाई होनी चाहिए और योजना के अमल पर रोक लगाई जाए।

चीफ जस्टिस जब लेंगे फैसला तभी होगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि मामले में दाखिल याचिका को नंबर मिल चुका है और केंद्र सरकार को याचिका तामिल भी की जा चुकी है। इस दौरान जस्टिस रविकुमार ने कहा कि आप यह वेरिफाई करें कि क्या इसे चीफ जस्टिस के सामने लाया गया है। इस पर याचिकाकर्ता वकील ने कहा कि यह चीफ जस्टिस के सामने लाया गया है। शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता से कहा कि जो सर्कुलर है उसके तहत सभी मामले पहले चीफ जस्टिस के सामने जाता है और जब चीफ जस्टिस के सामने मामला पेश कर दिया जाता है और वह कॉल लेते हैं तभी हम मामले पर विचार करते हैं। कोर्ट को यह भी बताया गया है कि केंद्र ने मामले में केवियेट दाखिल कर दी है यानी केंद्र की ओर से दाखिल केवियेट में कहा गया है कि कोई भी आदेश पारित करने से पहले हमें सुना जाए।

अग्निपथ हिंसा पर SIT जांच की गुहार
शीर्ष अदालत में अर्जी दाखिल कर अग्निपथ हिंसा मामले में एसआईटी जांच कराए जाने की गुहार लगाई गई है। याचिकाकर्ता ने अग्निपथ योजना पर सवाल उठाते हुए इसे एग्जामिन करने के लिए एक एक्सपर्ट कमिटी गठित करने की गुहार लगाई है। इसी बीच एडवोकेट एमएल शर्मा की ओर से 20 जून को अर्जी दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट से अग्निपथ स्कीम को खारिज किए जाने की गुहार लगाई है।

सुप्रीम कोर्ट में 18 जून को एडवोकेट विशाल तिवारी की ओर से जनहित याचिका दायर की गई है और कहा गया है कि आर्म फोर्सेस में भर्ती के लिए आई योजना अग्निपथ के विरोध में देश भर में जो प्रदर्शन हो रहे हैं और इस दौरान जो सरकारी जैसे रेलवे आदि की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया है उसकी जांच होनी चाहिए। जांच के लिए एसआईटी का भी गठन होना चाहिए। याचिकाकर्ता ने कहा कि अग्निपथ योजना के विरोध में स्टूडेंट्स व अन्य गुस्से में नई दिल्ली भागलपुर विक्रमशीला एक्स्प्रेस की 20 बॉगी में आग लगा दी। यह सब बिहार के लखीसराय और समस्तीपुर में हुआ है। बिहार में हाइवे को रोक दिया गया है। ईस्टर्न रेलवे ने प्रदर्शन की तीव्रता को देखकर 164 ट्रेने रद्द कर दी है। बड़ी संख्या में ट्रेन के पैसेंजर अलग-अलग स्टेशनों पर फंसे हुए हैं। हाइवे जाम है इस कारण लोग बस स्टाप पर भी फंसे हुए हैं। याचिकाकर्ता ने यह इंटर-स्टेट की 300 ट्रेने प्रभावित हुई है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में केंद्र के अलावा, यूपी, हरियाणा, राजस्थान, बिहार आदि को प्रतिवादी बनाया गया है।

केंद्र की ओर से केवियेट दाखिल
अग्निपथ स्कीम के बाद प्रदर्शन की एसआईटी जांच और स्कीम के परीक्षण की गुहार समेत अग्निपथ स्कीम को चुनौती देने वाली याचिका दाखिल किए जाने के बाद केंद्र सरकार ने मामले में केवियेट दाखिल की है। केवियेट अर्जी का मतलब होता है कि कोई भी आदेश पारित करने से पहले सुने जाने की गुहार लगाई गई है। केंद्र सरकार की ओर से इस मामले में केवियेट दाखिल की गई है।



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By admin