अखबार में छपे लेख में सीएम योगी आदित्यनाथ ने लिखा है कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक राष्ट्रवाद पहली बार भारत की राष्ट्रीय राजनीति में सम्मानजनक स्थान पा रहा है और पूरी दुनिया भारत की ओर उम्मीदों की नजर से देख रही है। इसका पूरा क्रेडिट पीएम मोदी को जाता है जिनके नेतृत्व में देश की छवि बदली है। प्रधानमंत्री अमेरिका की धरती पर खड़े होकर मां गंगा के सांस्कृति और आध्यात्मिक महत्व दें और जापान के पीएम भारत आकर काशी के घाट पर गंगा आरती में शामिल हों यह साधारण बात नहीं हो सकती।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस लेख में लिखा है कि किसी अरब देश में भव्य मंदिर आकार ले, यह किसी सामान्य कूटनीति का उदाहरण भी नहीं हो सकता। दुनिया की ताकतें किसी भी निर्णय पर पहुंचने के लिए भारत की ओर उम्मीदों की नजर से देखें यह साधारण व परंपरागत विदेश नीति का परिणाम नहीं हो सकता। प्रधानमंत्री देशहित में बड़े-बड़े निर्णय लिए लेकिन यदि उन्हें यह महसूस हुआ कि कोई ऐसा भी निर्णय हो गया है जिसकी अच्छाइयों को देशवासी या तो समझ नहीं पाए रहे हैं या वह उन्हें समझाने में सफल नहीं हो पाए हैं तो उसे वापस लेने में कोई संकोच नहीं किया।
आजादी के बाद किसी ने इसकी कल्पना नहीं की
सभी ने देखा जब देश को कोरोना की विभीषिका का सामना करना पड़ा तब प्रधानमंत्री ने देश के अंदर जीवन और जीविका की चिंता करते हुए हर भारतीय को सुरक्षा कवच प्रदान किया। दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान इसका प्रमाण है। भारत ने दुनिया के तमाम देशों को वैक्सीन उपलब्ध कराकर लोगों के जीवन को सुरक्षित रखने में सहयोग दिया।
जीवन के गुरुकुल में शिक्षित और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरएसएस की पाठशाला में दीक्षित अटल जी के भावों से प्रेरित पीएम मोदी के सामने जब भी कोई अग्निपरीक्षा की घड़ी तब अर्जुन की तरह उन्होंने न दैन्यं न पलायनम का परिचय दिया। 22 वर्षों से पूरा देश उनके विचार, कार्यशैली और विजन का प्रत्यक्षदर्शी है। सफाई और स्वच्छता भारत के विकास का एक सशक्त माध्यम बनेगा क्या यह किसी ने सोचा था। महात्मा गांधी के बाद किसी ने इसकी कल्पना नहीं की थी।
जनधन, आधार और मोबाइल का संगम
इस लेख में सीएम योगी ने लिखा है कि गरीबी हटाओ दशकों से एक विषय के रूप में चला आ रहा है लेकिन गरीबी नहीं हट पाई आखिर क्यों। क्योंकि केवल नारे लगाए गए कार्य नहीं हुआ। इस दिशा में काम की शुरुआत पीएम मोदी के नेतृत्व में हुई। उन्होंने जैम ट्रिनिटी- जनधन, आधार और मोबाइल के तिहरे संयोजन के माध्यम से भ्रष्टाचार के तंत्र को समाप्त कर प्रत्येक देशवासी तक शासन की योजनाओं का लाभ सीधे पहुंचाकर अपनी दूरदर्शिता का परिचय दिया।