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how mobile phone reaches tihar jail: Lawrence Bishnoi hatched murder conspiracy In jail: Sidhu Moose Wala Death Murder conspiracy hatched in tihar jail by Lawrence Bishnoi: How mobile phone reaches Tihar Jail where security is tight: लॉरेंस बिश्नोई, सुकेश… तिहाड़ जेल में आखिर कैसे पहुंच जाता है मोबाइल फोन?


How mobile phone reaches Jail: जेल के अंदर से रंगदारी, धमकी और रैकेट चलाने की खबरें हाल के दिनों में लगातार आई हैं। जिन जेलों में परिंदा भी पर न मार पाए वहां कैदी बेधड़क मोबाइल फोन चला रहे हैं। देखने में आया है कि ये जेलें अपराधियों की सुरक्षित पनाहगाह बन गई हैं। रोहिणी अदालत में जितेंद्र गोगी की हत्‍या और मंडोली जेल में बंद कुलदीप को फरार कराने की प्‍लानिंग जेलों में ही बनी। ठगों का ठग सुकेश चंद्रशेखर (Sukesh Chandrashekhar) भी अपना रैकेट जेल के अंदर से ही चलाता था। अब मशहूर सिंगर सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Moose Wala) की हत्‍या का कनेक्‍शन भी जेल से जुड़ता दिख रहा है। इस तरह की खबरें हैं कि मूसेवाला के मर्डर की साजिश जेल में बैठकर गैंगस्‍टर लॉरेंस बिश्‍नोई (Lawrence Bishnoi) ने रची। बिश्‍नोई तिहाड़ जेल में बंद है। सवाल है कि क्‍या जेल में कैदियों को मोबाइल फोन ले जाने और चलाने की अनुमति है? अगर नहीं तो तिहाड़ (Tihar Jail) जैसी हाई सिक्‍योरिटी जेलों में मोबाइल फोन कैसे पहुंच जाते हैं? इसके लिए किस तरह के जुगाड़ का इस्‍तेमाल होता है? क्‍या इसमें जेल स्‍टाफ की भी मिलीभगत होती है? आइए, यहां इन सभी सवालों के जवाब जानते हैं।

सबसे पहले तो यह जान लें कि जेल के अंदर कैदियों को मोबाइल फोन रखने की इजाजत नहीं होती है। कैदियों को जेल में ले जाते वक्‍त उनकी अच्‍छी तरह से तलाशी होती है। इसके बावजूद आखिर जेल में कैदियों के पास मोबाइल फोन कैसे पहुंच जाता है। यह सवाल इसलिए उठने लगा है क्‍योंकि पिछले कुछ समय में जेल के अंदर बैठे-बैठे कैदियों ने मोबाइल फोन के जरिये कई वारदातों को अंजाम दिया है। जेल के अंदर से ही गवाहों को चुप रहने की धमकी दी जाती है, ठगी का कारोबार चलता है, हत्‍या की प्‍लानिंग की जाती है और यहां तक नशे का व्‍यापार चलाया जाता है। जितेंद्र गोगी की हत्‍या, कुलदीप का फरार होना और सुकेश चंद्रशेखर का ठगी का कारोबार चलाना इसकी बानगी हैं। इसी कड़ी में अब सिद्धू मूसेवाला का नाम भी जुड़ गया है।

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पंबाजी सिंगर और नेता सिद्धू मूसेवाला की रविवार को हत्या हुई थी। हमलावरों ने मूसेवाला की गाड़ी पर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। इसमें मूसेवाला की मौके पर ही मौत हो गई थी। इस हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई के करीबी गैंगस्टर गोल्डी बराड़ ने ली है। लॉरेंस बिश्नोई गिरोह और लक्की पटियाला गिरोह के बीच दुश्मनी है। फेसबुक पोस्ट पर इस हत्‍या की जिम्‍मेदारी लेते हुए बराड़ ने दावा किया कि अकाली दल के एक नेता की हत्या की जांच में सिंगर का नाम सामने आया था। यह और बात है कि उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।

मोबाइल फोन जेल में कैसे पहुंचता है?
जेल के अंदर कैदी मोबाइल फोन नहीं रख सकते हैं। कानून इसकी इजाजत नहीं देता है। ऐसे में ये तरह-तरह की तिकड़म करते हैं। हाल में एक कैदी ने मोबाइल छुपाने के लिए फोन को निगल तक लिया था। दिल्ली की तिहाड़ जेल में चेकिंग के दौरान उसके पेट में मोबाइल मिला था। उसकी प्‍लानिंग थी कि वह मुंह से उगलकर इस मोबाइल फोन को इस्‍तेमाल करेगा। हालांकि, वह पकड़ा गया था। जेल में कैदियों को मोबाइल मिल जाने के पीछे सबसे बड़ी वजह स्‍टाफ की मिलीभगत होती है।

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पैसा है तो जेल में भी सबकुछ
हाल में महाठग सुकेश चंद्रशेखर के मामले में देखने को मिला कि पैसा है तो जेल में भी सब कुछ मिल जाता है। पैसों के बूते सुकेश जेल के अंदर से ठगी का साम्राज्‍य चल रहा था। उसने जेल को ऑफिस की तरह इस्‍तेमाल किया। जेल के अंदर बैठे-बैठे मोबाइल से वह ठगी के प्‍लान को एग्‍जीक्‍यूट करता था। जेल में बिना किसी रोक-टोक उसके पास कई मॉडल और बॉलीवुड की ऐक्‍ट्रेस मिलने पहुंचती थीं।

पेशी के दौरान भी की जाती है गफलत
देखने में आया है कि पेशी के दौरान भी कैदी परिचितों से मोबाइल फोन हासिल कर लेता है। इसके लिए वह सुरक्षाकर्मियों की आंखों में धूल झोंकता है। कोर्ट में केस की सुनवाई में पेश होने पर वह कुछ तिकड़म भिड़ाकर परिचित से मोबाइल फोन पा लेता है। हालांकि, इसके पीछे सुरक्षाकर्मियों की लापरवाही और मिलीभगत भी जिम्‍मेदार होती है।



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By admin