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लॉरेन्स बिश्नोई जेल से चलाता है काला साम्राज्य, तिहाड़ में बैठे-बैठे करवाता है मर्डर : kaun hai lawrence bishnoi sidhu moose wala murder case bhagwant mann government


नई दिल्ली: इस साल मार्च का वाकया। गुरुग्राम में 8-10 शार्प शूटर्स ने एक कारोबारी सुरजीत और परमजीत पर ताबड़तोड़ फायरिंग। 2018 में अभिनेता सलमान खान की हत्या की सुपारी लेने वाले शख्स की गरिफ्तारी। 2022 में ही दिल्ली के अलीपुर में एक बदमाश प्रमोद बजाड़ की हत्या में 4 बदमाश गिरफ्तार। 29 मई को पंजाब में मशहूर पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Moose Wala) की हत्या के बाद पूरा पंजाब स्तब्ध। दरअसल, ये चार घटनाएं जरायम की दुनिया में मशहूर लॉरेन्स विश्ननोई गैंग की करतूत है। अभी तक आपने फिल्मों में जेल से बैठकर गैंग ऑपरेट करते गैंगस्टरों को देखा होगा। लेकिन विश्ननोई इस फिल्मी कथनाक को असल में दिखा रहा है। चाहे सिद्धू की हत्या (Sidhu Moose Wala Murder Case News) हो या फिर अन्य घटनाएं, विश्ननोई जेल से ही अपने शूटर्स को आदेश देता है।

कांस्टेबल का लड़का, जरायम की दुनिया में ऐसे आया बिश्नोई
पंजाब के फिरोजपुर में 12 फरवरी 1993 को जन्मे बिश्नोई ने कॉलेज के दौरान ही अपने रंग दिखाने शुरू कर दिए थे। खाते-पीते घर में पले-बढ़े बिश्नोई के पिता पंजाब पुलिस में कांस्टेबल रहे हैं। बिश्नोई ने 2013 में पंजाब यूनिवर्सिटी से LLB की पढ़ाई पूरी की। इसी दौरान उसने स्टूडेंट यूनियन ज्वाइन किया था और वहां उसकी मुलाकात गोल्डी बरार से होती है। जिस कॉलेज में बिश्नोई पढ़ता था, वहीं उसके एक शिक्षक ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि एक बार वह एग्जाम में नकल कर रहा था। जैसे ही क्लास में मौजूद टीचर उसे परीक्षा अधीक्षक को सौंपने वाले थे कि वह खिड़की से कूदकर भाग गया। बिश्नोई के प्रोफेसर ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया कि वह बदमाश तो था लेकिन हमने कभी सपने में नहीं सोचा था कि वह इतना बड़ा डॉन बन जाएगा और जेल से अपना खुद का गैंग ऑपरेट करेगा। बिश्नोई को अपना नाम कमाने का ऐसा फितूर था कि वह हर अनाप-शनाप काम में मशगूल हो गया। फिर क्या था, जैसा फिल्मों में होता है, एक बिगड़ैल युवा को जब एक बड़ा डॉन मिल जाता है तो वह अपराध की दुनिया का बादशाह बनने की चाहत में लगातार हर उस काम में डुबकी लगाता जाता है जिससे उसे नाम मिले। धीरे-धीरे बिश्नोई ने अपराध की दुनिया में अपना सिक्का जमाना शुरू कर दिया। आज उत्तर भारत का वह बहुत बड़ा डॉन बन चुका है। जो जेल से अपने साम्राज्य को चला रहा है।

बिश्नोई की 2011 की तस्वीर

बिश्नोई की 2011 की तस्वीर

तिहाड़ के जेल नंबर 8 में है बंद
बिश्नोई दिल्ली के तिहाड़ में जेल नंबर 8 में बंद है। वह हाई सिक्योरिटी वार्ड में बंद है। इस कोठरी से ही उसका काला साम्राज्य चलता है। दिल्ली, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल में वह आपराधिक गतिविधियों को अंजाम अपने गुर्गों के जरिए दिलवाता है। आलम ये है कि आज बिश्नोई का खौफ है। जेल में बंद होने के बाद भी वह अपने गुर्गे के जरिए कैसे आपराधिक घटनाओं को अंजाम देता है यह एक बड़ा सवाल है। कहा तो ये भी जा रहा है कि मूसेवाला की हत्या की साजिश तिहाड़ जेल में ही रची गई थी।

700 गुर्गे, जो एक इशारे पर कुछ भी करने को तैयार
कुछ दिन पहले बिश्नोई ने गैंगस्टर काला जठेड़ी से हाथ मिलाया था। दोनों गैंग के एक हो जाने के बाद इनके गुर्गों की संख्या 700 के पार पहुंच गई है। ये गुर्गे बिश्नोई के इशारे पर कुछ भी करने के लिए तैयार रहते हैं। बिश्नोई का गैंग का जाल पूरे भारत में फैला है। रंगदारी से लेकर हत्या के लिए सुपारी तक इस गैंग का काम है।
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सलमान खान की हत्या के लिए दे दी थी सुपारी

इस वक्त तिहाड़ के सेल नंबर 8 में बंद बिश्नोई ने बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान की हत्या की सुपारी तक दे दी थी। 2018 में बेंगलुरु से पकड़ा गया बिश्नोई के गुर्गे सम्पत नेहरा ने इसका खुलासा किया था। सम्पत ने बताया था कि बिश्नोई ने सलमान को मारने का काम उसे सौंपा था। हालांकि, हथियार नहीं मिल पाने के कारण उसकी योजना सफल नहीं हो पाई। गौरतलब है कि लॉरेन्स खुद बिश्नोई समाज से है और इस समाज में काले हिरण को पूजा जाता है। सलमान पर काले हिरण के शिकार का आरोप है। बिश्नोई इसी का बदला लेना चाहता था।

​पुलिस गिरफ्त में बिश्नोई

पुलिस गिरफ्त में बिश्नोई

बिहार में भी बिश्नोई के नाम पर रंगदारी
इसी साल फरवरी में तिहाड़ में बंद बिश्नोई के गुर्गों ने बिहार के गोपालगंज जिले में एक हलवाई से 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी। इस खबर के बाद बिहार पुलिस चौकन्नी हो गई थी और उसके कान खड़े हो गए। बिश्नोई के गुर्गों ने मिठाई के दुकानदार पर पहले गोली चलाई और फिर पर्चा फेंककर उससे रंगदारी मांगी।

पहलवानी के अखाड़े से जुर्म के आखड़े तक पहुंच गया बिश्नोई
विश्‍नोई का पहलवानी में मन लगता था और वह पास के अखाड़े में कुश्‍ती की प्रैक्टिस किया करता था। अपने माता-पिता का सबसे बड़ी संतान बिश्नोई पहलवानी करते-करते जरायम की दुनिया में पहुंच गया। उसने सबसे पहले कॉलेज में ही अपना गैंग बनाया। उसकी गैंग में खिलाड़ी से लेकर पुलिसवालों के बच्चे तक शामिल हो गए। उसका जलवा कुछ ऐसा था कि अच्छे-अच्छे घरों के लड़के उसके गैंग में शामिल होने को खुशकिस्मती समझते थे। अभी भी उसके दोस्त बिश्नोई के प्रति लॉयल हैं।
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2010 में पहली FIR
बिश्नोई पर 2010 में हत्या के प्रयास का पहला मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके बाद एक घर में घुसने का केस उसपर दर्ज हुआ था। फरवरी 2011 में बिश्नोई पर मारपीट और फोन छिनने का मामला दर्ज किया गया था। ये सभी केस छात्र राजनीति से जुड़े थे। चंडीगढ़ में बिश्नोई के खिलाफ कुल 7 मामले दर्ज हैं, जिसमें से 4 में वो बरी हो चुका है। 2016 में बिश्नोई पर एक कांग्रेस नेता की हत्‍या का आरोप लगा। उसने फेसबुक के जरिए हत्‍या की जिम्‍मेदारी ली थी।

विदेश तक फैला है बिश्नोई का नेटवर्क
बिश्नोई का गैंग दुनिया के कई देशों तक फैला हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बिश्नोई का दूसरे अपराधियों के साथ मैक्सिको, इटली और थाइलैंड तक गैंग फैला हुआ है। ये इन देशों में बैठे अपने साथियों के जरिए रंगदारी, ड्रग्‍स तस्‍करी, जमीन कब्‍जा और हत्‍याओं को अंजाम देता है। इनके निशाने पर बॉलिवुड सेलिब्रिटीज, पंजाबी सिंगर्स और ऐक्‍टर्स होते हैं। बिश्‍नोई के कथित रूप से अंतरराष्‍ट्रीय ड्रग ट्रैफिकर अमनदीप मुल्‍तानी के साथ ताल्‍लुकात हैं। मुल्‍तानी मेक्सिकन ड्रग कार्टेल्‍स से जुड़ा हुआ है। उसे इसी साल अप्रैल में अमेरिकी एजेंसी ने गिरफ्तार किया था। बिश्‍नोई का दूसरा इंटरनैशनल कॉन्‍टैक्‍ट यूके में रहने वाला मॉन्‍टी था जिसके इटैलियन माफिया से रिश्‍ते थे।

बिश्नोई पर मकोका
बिश्नोई पर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून (MCOCA) लगाया गया है। दिल्‍ली पुलिस की स्‍पेशल सेल ने इंटरस्‍टेट सिंडिकेट चलाने से जुड़े एक केस में चार्जशीट दायर की। बिश्‍नोई और उसके सहयोगियों- फ्राइडे, सम्‍पत नेहरा और 9 अन्‍य पर मकोका की धाराएं लगी हैं। स्‍पेशल सेल ने मकोका की धारा 3 और 4 के तहत अलग एफआईआर दर्ज की थी। पुलिस ने लॉरेन्स बिश्‍नोई, सम्‍पत नेहरा के अलावा जगदीप सिंह उर्फ जग्‍गू भगवानपुरिया, राजकुमार उर्फ राजू बसोड़ी, रविंदर उर्फ काली शूटर, नरेश सेठी, प्रियव्रत, अनिल लीला, राहुल संगा, सचिन भांजा और अक्षिय अंटिल पर मकोका लगाया है। सब के सब जेल की सलाखों के पीछे हैं।



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