Sindhu Dhara

समाज की पहचान # सिंध की उत्पति एवं इतिहास<> सिंधी भाषा का ज्ञान <> प्रेणादायक,ज्ञानवर्धक,मनोरंजक कहानिया/ प्रसंग (on youtube channel)<>  सिंधी समाज के लिए,वैवाहिक सेवाएँ <> सिंधी समाज के समाचार और हलचल <>
national achievement survey 2021 released by education ministry, survey reveals that corona affects learning skill of students, nas 2021 survey says rajasthan, pujab and ut chandigarh performs more than average: शिक्षा मंत्रालय का नैशनल अचीवमेंट सर्वे 2021 जारी हो गया है। पंजाब और राजस्थान ने राष्ट्रीय औसत से बेहतर प्रदर्शन किया है। कोविड का असर छात्रों के सीखने की क्षमता पर पड़ा है। 80% लोगों ने सर्वे में बोला स्कूल जाना अच्छा है।


नई दिल्लीः पूरे विश्व के लिए बड़ी चुनौती बनी कोविड महामारी के कारण बच्चों के पढ़ने-लिखने की क्षमता में भी काफी गिरावट आई है। राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण 2021 यानी नैशनल अचीवमेंट सर्वे (National Achievement Survey 2021) से यह बात सामने आई है कि सभी क्लास के छात्रों के सीखने की क्षमता पर असर पड़ा है। सर्वे में शामिल 80 फीसदी बच्चों ने माना कि स्कूल में साथियों की मदद से सीखना ज्यादा अच्छा होता है।

बड़ी कक्षा के छात्रों के सीखने की क्षमता ज्यादा प्रभावित
सर्वे में एक बात सामने आई कि बड़ी क्लास के छात्रों के सीखने की क्षमता ज्यादा प्रभावित हुई है। पिछले साल नवंबर में देश भर के 1.18 लाख स्कूलों के 34 लाख बच्चों पर यह सर्वे किया गया, जिसमें क्लास 3, 5, 8 और 10वीं के बच्चों को शामिल किया गया। प्राइवेट स्कूलों के मुकाबले राज्य सरकारों के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की परफॉर्मेंस में ज्यादा कमी देखी गई है। एक खास बात यह देखी गई कि 8वीं और 10वीं क्लास में मैथ्स और साइंस विषयों के स्कोर में ज्यादा कमी आई है। पंजाब और राजस्थान ने राष्ट्रीय औसत से बेहतर प्रदर्शन किया है और ये दोनों राज्य अलग-अलग विषयों में टॉप 5 में शामिल रहे हैं।

NAS Survey Report 2021

नैशनल अचीवमेंट सर्वे 2021

बच्चों के लिए मैथ्स-साइंस को समझने की चुनौती
सर्वे में यह सामने आया है कि 2017 के मुकाबले सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए मैथ्स-साइंस समझने की बड़ी चुनौती रही है। कोविड काल में काफी समय तक बच्चे स्कूल नहीं गए हैं और इसका असर भी इन दोनों विषयों की पढ़ाई पर साफ नजर आया है। राज्य सरकारों के स्कूलों में जहां 2017 में मैथ्स का औसत स्कोर 252 था, वहीं अब यह घटकर 210 रह गया है। साइंस में यह स्कोर 251 से घटकर 195 रह गया है। हालांकि, प्राइवेट स्कूलों में भी गिरावट देखी गई है। प्राइवेट स्कूलों में 10वीं में मैथ्स का औसत स्कोर 263 से घटकर 228 आंका गया है और साइंस में यह 259 से कम होकर 229 तक आ गया है।

इस बार के सर्वे में क्लास 3 में पढ़ने वाले बच्चों के मैथ्स सीखने की क्षमता का स्कोर 500 में से 306 रहा है, क्लास-5 में यह 284, क्लास-8 में 255, क्लास-10 में 220 रहा है। जैसे- जैसे बड़ी क्लासेज को लेकर सर्वे किया गया तो सामने आया कि बच्चों के सामने सीखने का संकट ज्यादा रहा है।

पंजाब-राजस्थान के सरकारी स्कूलों का प्रदर्शन अच्छा
सर्वे में पंजाब-राजस्थान के सरकारी स्कूलों का प्रदर्शन अच्छा आंका गया है। इन दोनों राज्यों के अलावा केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ भी कई विषयों में टॉप तीन में रहा है। वहीं कई विषयों की रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश, मेघालय, छत्तीसगढ़, दिल्ली, तेलंगाना, अरूणाचल प्रदेश, तमिलनाडु निचले पायदान में आए हैं। जैसे क्लास-3 में भाषा पढ़ने वाले बच्चों की क्षमता को देखा गया तो टॉप 5 राज्यों में पंजाब, मध्य प्रदेश, राजस्थान हैं। निचले पायदान में दादर और नागर, दिल्ली, अरुणाचल प्रदेश, तेलंगाना है। पांचवी क्लास के मैथ्स के स्कोर को देखें तो टॉप राज्यों में पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश शामिल है। अरुणाचल प्रदेश, गोवा, दिल्ली के पांचवीं के बच्चों की परफॉर्मेंस कमजोर रही है। 8वीं क्लास में साइंस को लेकर किए सर्वे रिपोर्ट बताती है कि टॉप 5 राज्यों में पंजाब, राजस्थान, चंडीगढ़, मध्य प्रदेश शामिल हैं, जबकि कम स्कोर करने वाले राज्यों में गोवा, मेघालय, तमिलनाड़ु, तेलंगाना हैं।

24% बच्चों के पास डिजिटल डिवाइस नहीं
कोविड काल के दौरान जब लंबे समय तक ऑनलाइन क्लासेज चली तो उन बच्चों को खासी समस्या हुई, जिनके पास मोबाइल फोन, लैपटॉप जैसी सुविधा नहीं थी। राष्ट्रीय सर्वे में यह सामने आया कि करीब 24 फीसदी बच्चों के पास कोई डिजिटल डिवाइस नहीं थी। वहीं दिल्ली में भी करीब 43 फीसदी स्कूली बच्चों के पास कोरोना के समय डिजिटल डिवाइस नहीं थी। सर्वे में अच्छा प्रदर्शन करने वाले दो राज्य पंजाब और राजस्थान रहे हैं, हालांकि पंजाब में भी 42 फीसदी से ज्यादा प्रतिभागियों के पास डिजिटल डिवाइस नहीं थी।

क्या है यह सर्वे
नैशनल अचीवमेंट सर्वे (NAS ) राष्ट्रीय स्तर की स्टडी है, जिसमें देश की शिक्षा व्यवस्था की परख की जाती है। 2017 के बाद नवंबर 2021 में यह सर्वे किया गया। इस सर्वे में किसी बच्चे या स्कूल की अलग से कोई रैंकिंग नहीं होती है। इसमें राज्यों के सरकारी, प्राइवेट, सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के सीखने की क्षमता का आकलन किया जाता है। इस बार कुछ क्लासेज के बच्चों के बीच यह सर्वे किया गया है। भाषा, मैथ्स, पर्यावरण, साइंस, सोशल साइंस, अंग्रेजी जैसे विषयों को लेकर यह देखा गया है कि स्टूडेंट्स ने इनको कितना समझा है।



Source link

By admin