आईपीएस सुभाष दुबे ने यह तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि बचपन में स्कूल में मास्टर जी द्वारा भेजी गई कमांडो फोर्स, जो ना कोई बातचीत करती थी, ना ही कोई समझौता। अब तस्वीर का मर्म भी समझा देते हैं। वायरल तस्वीर में एक बच्चे को उसी के कुछ स्कूली साथी जबरन मास्टर साहब के पास लेकर जाते दिख रहे हैं। साथियों में उत्साह है वहीं उस बच्चे के माथे पर शिकन। मास्टर साहब की टास्क फोर्स का डर और अपनी गलती की मिलने वाली सजा को सोचकर बच्चे के चेहरे पर डर साफ दिखता है। अब इस वीडियो पर लोगों के रिएक्शन भी आ रहे हैं।
लोगों के रिएक्शन पर भी नजर दौड़ा लीजिए
इस तस्वीर के वायरल होते ही लोग भी अपने स्कूल के शुरुआती दिनों में चले गए और तरह-तरह के कॉमेंट किए। शत्रुहन जायसवाल ने कहा कि मुझे तो हर रोज ऐसे ही ले जाया करते थे 5वी तक। अवतार सिंह नामक यूजर ने लिखा कि ये फोर्स बिना एनबीडब्ल्यू के न्यूनतम आवश्यक बल प्रयोग करते हुए सीधा गिरफ्तार करती थी वो भी बिना धारा 41 सीआरपीसी के नोटिस पर दस्तखत कराए 24 घण्टे छोड़िए 10 से 15 मिनट में मा० न्यायालय (मास्टर जी) के समक्ष पेश भी करती थी वो भी बिना रोज़नामचे में रवानगी के।
पवन त्रिवेदी नामक यूजर ने लिखा कि जिंदगी के सबसे हसीन पल है इन्हे दोबारा नहीं जीया जा सकता ।।अब तो बस पैसे और सफलता के पीछे भागते रहिए जिम्मेदारियों का बोझ उठाते चलिए। वहीं पीसी पांडे नामक यूजर ने लिखा सर पुरानी यादें सिर्फ तस्वीर में सिमट कर रह गई। अब अगर किसी बच्चे को इस तरह से पकड़ कर बच्चों की कमांडो ले जाती है तो तुरंत आपके पास फोन लग जायेगा।