नई दिल्ली: कांग्रेस नेता
राहुल गांधी (
Congress Leader Rahul Gandhi) का यूके दौरा विशेष रूप से ब्रिटेन लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कोरबिन (
Jeremy Corbyn MP UK) के साथ उनकी मुलाकात सवालों के घेरे में आ गई। सरकार के शीर्ष सूत्रों ने खुलासा किया है कि कांग्रेस सांसद ने निर्धारित प्रक्रिया को छोड़ अपनी यात्रा के लिए राजनीतिक मंजूरी (
Political Clearance For Visit) नहीं मांगी। वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा के पास सभी उचित अनुमति थी। वो भी उस समारोह में हिस्सा लेने गए थे, जिसमें राहुल गांधी भाग ले रहे थे।
मनोज झा ने राहुल गांधी से एक दिन पहले कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में चर्चा में हिस्सा लिया था। मंगलवार को राहुल गांधी ने जेरेमी कोरबिन के साथ तस्वीर सामने आई जिसके बाद कांग्रेस और भाजपा के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया। बीजेपी ने कोरबिन से राहुल गांधी की मुलाकात की तस्वीर शेयर करते हुए कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने एक ऐसे ब्रिटिश नेता से मुलाकात की है जो भारत से कश्मीर के अलगाव की पैरवी करता है और हिंदू विरोधी है।
कर्नाटक बीजेपी की ओर से कहा गया है कि भारत का पुरजोर विरोध करने वाले, कश्मीर पर पाकिस्तान के रुख का समर्थन करने वाले, हिंदू विरोधी के साथ कांग्रेस के मालिक और वायनाड के सांसद क्या कर रहे हैं। क्या वह एक और Toolkit से भारत के खिलाफ साजिश रच रहे हैं।
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वहीं कांग्रेस की ओर से कहा गया कि अलग विचार रखने वाले विदेशी नेताओं से भारत के नेता पहले भी मिलते रहे हैं और आगे भी मिलते रहेंगे। राहुल गांधी जी का उस व्यक्ति के साथ तस्वीर लेना अपराध या आतंकवाद का कृत्य नहीं है जिसकी राय हमसे अलग है। यदि मुलाकात करने का यह आधार है तो फिर सवाल पूछा जाना चाहिए कि प्रधानमंत्री ने दावोस में नीरव मोदी के साथ तस्वीर क्यों खिंचवाई। प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान जाकर नवाज शरीफ से मुलाकात क्यों की।क्या सरकार यह वादा करेगी कि ऐसे किसी व्यक्ति के साथ मुलाकात नहीं होगी जिसके हमसे अलग विचार हों।