सूत्रों के मुताबिक, नेवी ने बताया था कि उन्हें हेलिकॉप्टर में फोल्डिंग रोटर चाहिए क्योंकि वह वॉरशिप से ऑपरेट करेंगे। वॉरशिप में जगह बहुत अहम होती है इसलिए नेवी को ऐसे हेलिकॉप्टर की जरूरत है जिसका ब्लेड और टेल फोल्ड हो सके।
अब सहमति बनी है कि एचएएल जो हेलिकॉप्टर बनाएगा उसका मेन रोटर फोल्डिंग होगा। हालांकि, टेल रोटर फोल्डिंग की आवश्यकता को फिलहाल हटा दिया गया है। एचएएल ने आर्मी और एयरफोर्स के लिए जो हेलिकॉप्टर बनाए हैं उनमें भी डबल फोल्डिंग का सिस्टम है। नेवी को ऐसे हेलिकॉप्टर चाहिए जिनका एंड्योरेंस ज्यादा हो यानी जो ज्यादा वक्त तक हवा में रह सकते हैं।
आर्मी और एयरफोर्स की तरह नेवी को हाईएल्टीट्यूट में ऑपरेट करने वाले हेलिकॉप्टर नहीं चाहिए बल्कि ज्यादा वक्त तक हवा में रहने वाले हेलिकॉप्टर की जरूरत होती है। सूत्रों के मुताबिक अब एचएएल नेवी के लिए बना रहे यूटिलिटी हेलिकॉप्टर में रडार सहित कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में बदलाव करेगी।
रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में पॉजिटिव इंडियनाइजेशन की जो तीसरी लिस्ट जारी की है उसमें नेवल यूटिलिटी हेलिकॉप्टर भी शामिल है। इसका मतलब है कि नेवल यूटिलिटी हेलिकॉप्टर को अब इंपोर्ट नहीं किया जा सकता, इसे स्वदेशी वेंडर से ही लिया जा सकता है।
नेवी को करीब 111 यूटिलिटी हेलिकॉप्टर की जरूरत है। फिलहाल नेवी को 60 साल पुराने चेतक हेलिकॉप्टर से काम चलाना पड़ रहा है। नेवी यूटिलिटी हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल रेस्क्यू मिशन से लेकर निगरानी रखने के लिए भी करती है। समुद्र में एक शिप से दूसरे शिप तक सामान और लोगों को पहुंचाने के लिए भी इसका इस्तेमाल होता है।