नई दिल्ली: टीबी को 2025 तक खत्म करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार जल्द ही एक कार्यक्रम शुरू करेगी, जिसके तहत लोग और संस्थान ब्लॉक, वार्ड या किसी मरीज को गोद ले सकेंगे और टीबी मरीजों को पोषण, इलाज तथा व्यावसायिक सहयोग मुहैया करा सकेंगे। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को बताया कि सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे एक पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी जिलों तथा प्रखंडों में अभियान स्तर पर ‘टीबी मरीजों को सामुदायिक सहयोग’ कार्यक्रम शुरू करने के लिए सभी तैयारियां करने का अनुरोध किया है।
उन्होंने बताया कि इस पहल के जून के पहले सप्ताह में औपचारिक रूप से शुरू होने की संभावना है। इस परियोजना के तहत एक व्यवस्था बनायी जाएगी ताकि निर्वाचित प्रतिनिधि, गैर सरकारी संगठन, लोग, संस्थान (निजी और सरकारी दोनों) तथा साझेदार ब्लॉक, शहरी वार्ड या जिलों को गोद लेकर टीबी को खत्म करने के प्रयासों का समर्थन कर सके। एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि टीबी के जो मरीज इस पहल के लिए सहमति देंगे, उन्हें दानदाता पोषण सहयोग, इलाज के साथ ही व्यावसायिक सहयोग भी मुहैया कराएंगे। टीबी के मरीज को अतिरिक्त सहयोग मुहैया कराने की प्रतिबद्धता के लिए न्यूनतम अवधि एक साल होगी। Maharashtra News: ….तो महाविकास अघाड़ी से बाहर निकल जाएगी कांग्रेस! सोनिया गांधी से NCP की शिकायत, नाना पटोले बोले जल्द असर दिखेगा उन्होंने बताया कि मरीज को इस कार्यक्रम में पंजीकरण कराने या न कराने का विकल्प दिया जाएगा और उनके निर्णय से मरीजों को उपलब्ध मौजूदा सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इसके बाद स्वास्थ्य कर्मी उनसे सहमति पत्र भरवाएंगे। इस सहमति को संबंधित स्वास्थ्य कर्मी ‘निक्षय’ (नि- खत्म, क्षय- टीबी) पोर्टल पर दर्ज करेंगे। एक अधिकारी ने कहा कि टीबी के लिए चुनौती पोषण सहयोग, रहने और काम करने की परिस्थितियां जैसे सामाजिक निर्धारकों पर ध्यान केद्रित करना तथा निदान और इलाज की सेवाओं तक पहुंच बढ़ाना है।