यादव की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि उनका (यादव का) कार्यकाल जुलाई में खत्म हो रहा है और वह हलफनामा देने को इच्छुक हैं कि वह उस समय तक बंगला खाली कर देंगे।
सिब्बल ने कहा, ‘इस व्यक्ति को (यादव को) हर रोज डायलिसिस से गुजरना होता है। कोविड के दौरान उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था और वह विभिन्न प्रकार के रोगों से ग्रस्त हैं। मैं (यादव) यह नहीं कह रहा कि मैं (यादव) बंगला खाली नहीं करूंगा, लेकिन मुझे कुछ यथोचित समय दिया जाए।’
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने कहा कि राजधानी में सरकारी आवास की कमी है और मंत्रिमंडल विस्तार के बाद कई मंत्रियों को बंगले देने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, ‘उन्हें (यादव को) राज्यसभा से अयोग्य करार दिया गया है। अयोग्यता से संबंधित उनकी रिट याचिका अधिनिर्णय के लिए लंबित है।’
जैन ने कहा कि यादव ने अब बंगले को अपने पास रखने के लिए राष्ट्रीय जनता दल में अपनी पार्टी का विलय कर दिया है।
पीठ ने जैन से कहा कि वह केंद्र सरकार से यह निर्देश लेकर आएं कि यादव को मानवता के आधार पर कितना समय दिया जा सकता है। इसके साथ ही उसने मामले की सुनवाई बृहस्पतिवार तक के लिए स्थगित कर दी।