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Balwant Singh Rajoana Mercy Petition In Supreme Court, Balwant Singh Rajaona Case In Supreme Court, Punjab Former CM Beant Singh Murder Case: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पंजाब के पूर्व सीएम बेअंत सिंह की हत्या के आरोपी वलवंत सिंह राजोआना की दया याचिका पर 30 अप्रैल तक फैसला लेने को कहा है


नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र को 2012 में दायर बलवंत सिंह राजोआना (Balwant Singh Rajoana) की दया याचिका पर 30 अप्रैल तक फैसला लेने का निर्देश दिया है। राजोआना ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड (Beant Singh Murder 19995) में मौत की अपनी सजा को उम्रकैद में बदलने का अनुरोध किया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर 30 अप्रैल तक फैसला नहीं लिया जाता है तो गृह मंत्रालय के संबंधित सचिव और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के निदेशक सुनवाई की अगली तारीख पर व्यक्तिगत रूप से रिकॉर्ड के साथ उसके समक्ष मौजूद रहेंगे।

पूर्व आदेशों के बावजूद मामले में कुछ नहीं किया गया
राजोआना की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति यू यू ललित, न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने कहा कि अदालत के पूर्व के आदेशों के बावजूद इस मामले में कुछ नहीं किया गया और केंद्र सरकार की ओर से पेश होने वाले वकील के पास कोई स्पष्ट निर्देश नहीं है। केंद्र की ओर से समय दिए जाने के अनुरोध को लेकर अदालत द्वारा सुनाए गए पिछले आदेशों का उल्लेख करते हुए पीठ ने कहा कि इन परिस्थितियों में वह निर्देश देती है कि मामले पर तुरंत केंद्र सरकार और सीबीआई सहित विभिन्न प्राधिकारों द्वारा गौर किया जाएगा।

पीठ ने कहा कि मौत की सजा बदलने की प्रार्थना पर प्रस्ताव या आपत्ति सीबीआई द्वारा दो सप्ताह के भीतर दर्ज कराई जाएगी। पीठ ने शुक्रवार को पारित अपने आदेश में कहा, ‘‘केंद्र सरकार में उपयुक्त प्राधिकारी सीबीआई से प्रस्ताव या आपत्ति प्राप्त होने के दो सप्ताह के भीतर इस पर गौर करेंगे और आवश्यक निर्णय लेंगे।’’ पीठ ने मामले को दो मई को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

अपने आदेश में अदालत ने कहा कि 1995 में पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री की हत्या करने के लिए सह अभियुक्तों के साथ राजोआना पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302/307/120-बी के तहत दंडनीय अपराधों और विस्फोटक पदार्थ कानून की धारा 3 और 4 के तहत मुकदमा चलाया गया। उक्त अपराधों के तहत दोषसिद्धि दर्ज करने के बाद निचली अदालत ने राजोआना और सह-आरोपी जगतार सिंह हवारा को मौत की सजा सुनाई।

क्या थी वो घटना
पंजाब पुलिस के पूर्व कांस्टेबल राजोआना को पंजाब सचिवालय के बाहर विस्फोट में शामिल होने के लिए दोषी ठहराया गया था, जिसमें 31 अगस्त, 1995 को बेअंत सिंह और 16 अन्य की मौत हो गई थी। शीर्ष अदालत 2020 में दायर राजोआना की याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें मौत की सजा को इस आधार पर उम्रकैद में बदलने की मांग की गई है कि वह 25 साल से जेल में है। जुलाई 2007 में एक विशेष अदालत ने मामले में राजोआना को मौत की सजा सुनाई थी।



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By admin