नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को बताया है कि यूपीएससी (Union Public Service Commission) की सिविल सेवा परीक्षा में आवेदकों को दोबारा मौका दिया जाना संभव नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में तीन याचिकाकर्ताओं ने अर्जी दाखिल कर कहा था कि 2021 के पीटी परीक्षा (Primarily Test) में वह पास हो गए थे, लेकिन कोविड पॉजिटिव होने के कारण वह मेन्स परीक्षा नहीं दे पाए थे। ऐसे में उन्हें अतिरिक्त मौका दिया जाए।
केंद्र की ओर से अडिशनल सॉलिसिटर जनरल एश्वर्य भाटी ने दलील दी कि हमने एक एफिडेविट दिया है और अतिरिक्त मौका दिया जाना संभव नहीं है। सुप्रीम कोर्ट मामले में 28 मार्च को अब सुनवाई करेगा। कोविड के कारण यूपीएससी मेन्स एग्जाम न दे पाए आवेदकों को दोबारा मौका दिए जाने की याचिका पर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल करते हुए कहा कि दोबारा एग्जाम का प्रावधान नहीं है। 8 ब्राह्मण, 8 दलित, 6 राजपूत…जानिए योगी 2.0 मंत्रिपरिषद में कैसे साधा गया जातिगत समीकरण यूपीएससी के हलफनामे में कहा गया था है कि दोबारा एग्जाम लिए जाने का यूपीएससी में कोई प्रावधान नहीं है। यूपीएससी ने अपने जवाब में कहा है कि अगर आवेदक किसी भी कारण से या किसी एक्सिडेंट या अन्य कारण से एग्जाम में नहीं बैठ पाते हैं तो दोबारा एग्जाम लेने का कोई प्रावधान नहीं है। अपने हलफनामा में यूपीएससी ने कहा कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं हैं कि पेपर दोबारा लिया जाए। साल भर में यूपीएससी 13 एग्जाम लेती है और ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि दोबारा एग्जाम लिया जाए। दोबारा एग्जाम लेने से कई परेशानियां पैदा हो जाएगी।