नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने यूपीएससी के सिविल सर्विसेज (UPSC Civil Services Exams) पास कर चुके शारीरिक तौर पर विकलांग आवेदकों को प्रोविजनली आईपीएस और इंडियन रेलवे प्रोटेक्शन सर्विस (IPS And Indian Railway Protection Service) और दानिप्स में आवेदन दाखिल करने की इजाजत दी है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएम खानविलकर की अगुवाई वाली बेंच ने अपने अंतरिम आदेश में कहा है कि जो शारीरिक तौर पर दिव्यांग हैं वह आईपीएस,दानिप्स और रेल्वे प्रोटेक्शन सर्विस के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
शीर्ष अदालत में एक एनजीओ की ओर से अर्जी दाखिल कर कहा गया था कि शारिरिक तौर पर दिव्यांगों को भी उक्त सर्विस में मौका दिया जाना चाहिए जबकि उक्त सर्विस में दिव्यांगों को पूरी तरह से रोक है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल से सहयोग मांगा था। इस दौरान अटॉर्नी जनरल ने कहा कि केंद्र सरकार जवाब देना चाहती है। वहीं सॉलिसिटर जनरल ने इसके लिए दो हफ्ते का वक्त मांगा। याचिकाकर्ता ने कहा कि सरकार को जवाब देने के लिए मौका दिए जा सकते हैं लेकिन आवेदकों को आवेदन करने की इजाजत होनी चाहिए। इसके लिए वक्त दिया जाना चाहिए। आवेदन की तारीख कल निकल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश में आवेदकों से कहा है कि वह उक्त सर्विस के लिए एक अप्रैल तक अप्लाई करें। मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 18 अप्रैल की तारीख तय कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आवेदक यूपीएससी से सेक्रेटरी जनरल के सामने आवेदन एक अप्रैल तक दे सकते हैं। यह मामला कोर्ट के फैसले के दायरे में होगा।