सिरसा ने कहा कि मोदी ने समूह के सदस्यों से समुदाय से संबंधित किसी भी मुद्दे पर उनसे संपर्क करने को कहा। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह खुद को भाग्यशाली मानते हैं कि उनकी सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में सिखों से संबंधित कई कार्यक्रमों की शुरुआत और पहल की है। सिरसा ने कहा कि समूह के सदस्यों में जगत गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, पटियाला के कुलपति करमजीत सिंह, गुरु नानक देव विश्वविद्यालय(अमृतसर) के कुलपति जसपाल सिंह संधू समेत अन्य शामिल थे।
मोदी से मुलाकात करने वाले वास्तुकार चरणजीत सिंह शाह ने कहा, ‘‘यह (आज की बैठक) प्रधानमंत्री द्वारा सिख समुदाय को गले लगाने जैसा है। संदेश था कि समुदाय महत्वपूर्ण है लेकिन देश की एकता अधिक महत्वपूर्ण है।’’
राष्ट्रीय महिला आयोग (National Women Commission) के विशेषज्ञ पैनल की सदस्य दमनजीत कौर संधू ने कहा, ‘‘हमने पंजाब में नशीली पदार्थों के मुद्दे पर चर्चा की। अब हम देखते हैं कि समृद्ध परिवारों के युवा भी ड्रग्स में शामिल हो रहे हैं। सर (प्रधानमंत्री) ने ध्यानपूर्वक हमारी बातें सुनी।’’
भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के सेवानिवृत्त अधिकारी के बी एस सिद्धू ने कहा कि उन्होंने 37 साल की अपनी सेवा में किसी को इतना चिंतित नहीं देखा जितना प्रधानमंत्री सिख समुदाय के बारे में हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने ऐसी प्रतिबद्धता नहीं देखी है। हर सिख, हर पंजाबी और हर भारतीय को अपने समुदाय, राज्य और देश के लिए कंधे से कंधा मिलाकर काम करना चाहिए।’’