बसवराज और उसके गिरोह ने बैंक में 6 मार्च को डकैती की। जांच के बाद पुलिस ने उसे रविवार को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद बसवराज ने पूछताछ के दौरान डकैती की प्रक्रिया सीखने, डकैती करने के बाद कैश और सोना छिपाने की पूरी घटना बताई।
साधु के लॉकर को नहीं लगाया हाथ
पुलिस ने बैंक में हुई इस डकैती की जांच की तो पाया कि चोरों ने एक लॉकर में रखे 6 लाख रुपये और कुछ सोना नहीं लिया। इस बारे में पूछे जाने पर 30 वर्षीय लिपिक बसवराज सिदलिंगप्पा हुनाशिकट्टी ने कहा कि वह मुरुगोड के द्रष्टा जो एक साधु व्यक्ति हैं, उनके पैसे नहीं लेना चाहते था इसलिए उसने उस लॉकर को नहीं छुआ।
क्राइम फिक्शन देख की डकैती
पुलिस, जिसने बसवराज द्वारा खोदे गए गड्ढे से सभी नकदी और सोना निकाला। उन्होंने कहा कि क्लर्क को क्राइम फिक्शन पढ़ने और देखने का शौक है। उसने मुरुगोड में बैंक को लूटते हुए हॉलिवुड फिल्म की स्टाइल अपनाई। डकैती के अगले दिन, बसवराज किसी भी दिन की तरह काम पर आ गया। पुलिस ने बसवराज के साथ 31 वर्षीय संतोष कलप्पा कंबरा और 26 वर्षीय गिरीश को गिरफ्तार किया। वे अभी न्यायिक हिरासत में हैं।
डकैती कि लिए चुनाव मार्च का महीना
इस गिरोह को पकड़ने के लिए जिला पुलिस ने पुलिस अधीक्षक लक्ष्मण निंबर्गी के मार्गदर्शन में चार टीमों का गठन किया था। बसवराज ने अगस्त 2021 के आसपास डकैती की योजना बनाना शुरू किया, लेकिन उसने जल्दबाजी में काम नहीं किया। उन्होंने और उनके दोस्तों ने डकैती करने के लिए मार्च तक इंतजार किया क्योंकि बसवराज को पता था कि बैंक मार्च में कर्ज की वसूली करेगा और इस महीने नगदी की मात्रा बढ़ जाएगी। इसके अलावा, गिरोह को इतनी बड़ी मात्रा में नकदी और सोना ले जाने की व्यवस्था भी करनी थी।

डकैती (सांकेतिक फोटो)