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नई दिल्ली: लता दीदी (Lata Didi Golden Memories) हमारे बीच नहीं हैं। उनके हजारो गाने, उनकी छवि, उनकी बातें याद आ रही हैं। लता दीदी देश की राजनीति से लेकर खेल तक हर एक चीज पर गहरी समझ रखतीं थीं। ऐसा ही एक किस्सा आपके साथ साझा कर रहा हूं। बात 2013 की है। देश आंदोलन और राजनीति के बीच फंसा हुआ है। उस वक्त कांग्रेस की सरकार थी मगर देश के अंदर कांग्रेस को उखाड़ फेंकने के लिए आंदोलन चल रहे थे। अन्ना हजारे का आंदोलन, बाबा रामदेव का आंदोलन और फिर निर्भया कांड के खिलाफ लोगों का गुस्सा। ये सब 2011 और 2013 के बीच चल रहा था। बीजेपी सत्ता वापसी की राह तलाश रही थी। कांग्रेस तीसरी बार सरकार बनाने की आस खो चुकी थी। देश के अंदर का माहौल बिल्कुल बदला था। बीजेपी ने पीएम पद का चेहरा बनाया गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी को।

लता दीदी की यादें- 1
साल 2013 में लता मंगेशकर ने अपने दिवंगत पिता दीनानाथ मंगेशकर की याद में सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल बनवाया था। इस अस्पताल का उद्घाटन करने के लिए तत्कालीन गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया। कार्यक्रम के दौरान मंगेशकर ने कहा था कि मैं भगवान से प्रार्थना करती हूं कि हम नरेंद्र भाई (Narendra Modi and Lata Mangeshkar) को पीएम के रूप में देखें। ये बात सितंबर 2013 की थी। जब नरेंद्र मोदी को 2014 के आम चुनावों के लिए प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार ब बनाए जाने की घोषणा की गई थी। उस वक्त लता दीदी को बहुत ट्रोल भी किया गया था।

लता दीदी की यादें-2
नरेंद्र भाई आज राखी के सुअवसर पर मैं आपको प्रणाम करती हूं। राखी तो आज मैं भेज नहीं सकी और उसकी वजह सारी दुनिया जानती है। आपने नरेंद्र भाई अपने देश के लिए इतना काम किया है और इतनी अच्छी बातें की हैं कि देशवासी कभी भूल नहीं सकेंगे। आज भारत की लाखों करोड़ों औरतें आपकी तरफ राखी के लिए उनके हाथ आगे हैं लेकिन राखी बांधना मुश्किल है। लेकिन आज आप हमसे वादा कीजिए कि आप भारत को और ऊंचा ले जाएंगे। नमस्कार….ये बोल हैं लता दीदी के। साल 2020 को रक्षा बंधन के अवसर पर जब लता दीदी अपने प्रिय भाई नरेंद्र मोदी को राखी नहीं भेज पाईं तो उन्होंने अपना आशीर्वाद भेजा।

Pm Narendra Modi and Lata Mangeshkar relationship lata didi cremation latest update

लता दीदी की यादें-3
पीएम मोदी ने आज लता दीदी की तमाम सारी यादों का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि लता दीदी से पीएम मोदी मिलते थे वो उनके लिए गुजराती व्यंजन ही परोसतीं थीं। इसी बातचीत में वे कहते हैं कि शायद ही कोई होगा जो लता मंगेशकर जी के प्रति अत्यधिक सम्मान न दिखाता हो। वह हम में से अधिकांश से बड़ी हैं और देश में विभिन्न युगों की गवाह रही हैं। हम उन्हें ‘दीदी’ के रूप में संबोधित करते हैं। इस पर लता दीदी ने कहा था, “यहां तक कि आप (पीएम मोदी) भी नहीं जानते कि आप वास्तव में क्या हैं। मुझे पता है कि आपके आने से भारत की तस्वीर बदल रही है और इससे मुझे बहुत खुशी होती है। यह मुझे बहुत अच्छा महसूस कराता है। लता दीदी ने यह भी कहा था कि उन्होंने अपने जन्मदिन पर पीएम मोदी की मां का आशीर्वाद लिया।

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लता दीदी की यादें-4
लता दीदी और पीएम मोदी एक-दूसरे को बर्थडे विश करते थे। जन्मदिन के एक संदेश में उसने कहा था कि “नमस्कार नरेंद्र भाई। आप को जनमदिन की बहुत बधाई। ईश्वर आप को हर काम में यश दे यही मंगल कामना। तथास्तु।” इस पर पीएम मोदी ने जवाब दिया था, ‘धन्यवाद लता दीदी। मुझे कई वर्षों तक आपका आशीर्वाद प्राप्त करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। वे मुझे अपार शक्ति देते हैं।” अभिवादन के इस आदान-प्रदान को देखें तो लता दीदी और उनके ‘नरेंद्र भाई’ के बीच आपसी स्नेह और गर्मजोशी को देखा जा सकता है।

लता दीदी की यादें-5
लता मंगेशकर के गाए सबसे लोकप्रिय गीतों में से एक है ‘ऐ मेरे वतन के लोगो…’। पहले लता ने कवि प्रदीप के लिखे इस गीत को गाने से इनकार कर दिया था, क्योंकि वह रिहर्सल के लिए वक्त नहीं निकाल पा रही थीं। कवि प्रदीप ने किसी तरह उन्हें इसे गाने के लिए मना लिया। इस गीत की पहली प्रस्तुति दिल्ली में 1963 में गणतंत्र दिवस समारोह पर हुई। लता इसे अपनी बहन आशा भोसले के साथ गाना चाहती थीं। दोनों साथ में इसकी रिहर्सल कर भी चुकी थीं। मगर इसे गाने के लिए दिल्ली जाने से एक दिन पहले आशा ने जाने से इनकार कर दिया। तब लता मंगेशकर ने अकेले ही इस गीत को आवाज दी और यह अमर हो गया।

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लता दीदी की यादें-6
पूर्व प्रधानमंत्री अटल ब‍िहारी वाजपेयी और लता मंगेशकर एक-दूसरे का बहुत सम्मान करते थे। लता को अटल अपनी बेटी मानते थे। लता उन्हें दद्दा कहती थीं। दोनों से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा है। लता मंगेशकर ने अपने पिता के नाम पर खोले दीनानाथ मंगेशकर हॉस्प‍िटल के उद्‌घाटन समारोह में अटल को भी आमंत्रित किया था। जब उन्होंने समारोह के अंत में अपना भाषण दिया, तो बोले- ‘आपका हॉस्प‍िटल अच्छा चले, मैं ऐसा आपसे नहीं कह सकता। ऐसा कहने का मतलब है कि लोग बहुत बीमार पड़ें।’ ऐसा सुनकर लता हैरान रह गईं और कुछ नहीं कह पाईं।

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By admin