Abu Salem News : माफिया डॉन अबू सलेम को फांसी या उम्रकैद की सजा नहीं होगी। भारत सरकार ने पुर्तगाल से उसके प्रत्यर्पण के लिए एक शर्त मानी थी जिसके तहत सलेम को 25 वर्ष से ज्यादा की सजा नहीं दिए जाने का वादा किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भारत सरकार को यह वादा निभाना होगा।
सलेम पर फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह कहा
2005 में पुर्तगाल से भारत लाया गया था सलेम
एक स्पेशल टाडा कोर्ट ने 25 फरवरी 2015 को सलेम को 1995 में मुंबई के बिल्डर प्रदीप जैन हत्या करने के एक अन्य मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। जैन के साथ उनका ड्राइवर मेहंदी हसन भी मारा गया था। मुंबई में 1993 के सीरियल बम ब्लास्ट के दोषियों में से एक सलेम को लंबी कानूनी लड़ाई के बाद 11 नवंबर, 2005 को पुर्तगाल से प्रत्यर्पित किया गया था।
25 वर्ष की गणना पर फंसा पेच
सलेम ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि उसकी 25 वर्ष की सजा में पुर्तगाल में उसकी जेल की अवधि को भी जोड़ी जाए। सलेम के वकील ऋषि मल्होत्रा ने कहा कि सलेम को 2002 में कस्टडी में लिया गया था और भारत उसे 2005 में लाया गया। उसकी हिरासत की अवधि 2002 से काउंट किया जाना चाहिए। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उसे राहत नहीं दी। इस कारण अब भारत सरकार की गणना के मुताबिक उसकी 25 वर्ष की जेल की अवधि नवंबर 2030 में पूरी होगी। भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को नोटिस पर बताया था कि वह पुर्तगाल सरकार के किया वादा निभाएगी और सलेम को 25 वर्ष की सजा के बाद रिहा कर दिया जाएगा। चूंकि सलेम को 11 नवंबर, 2005 को पुर्तगाल से लाया गया था, इसलिए 25 वर्ष की गणना अब से आठ साल बाद 2030 में पूरी होगी।
यूं पुर्तगाल में पकड़ा गया था सलेम
पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन में पुलिस ने अबू सलेम को उसकी कथित प्रेमिका मोनिका बेदी के साथ 2002 में फर्जी दस्तावेजों पर सफर करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। उस दौरान भारत और पुर्तगाल के बीच कोई प्रत्यर्पण समझौता नहीं था इसलिए सलेम को तुरंत भारत नहीं लाया जा सका था। पुर्तगाल ने सलेम को भारत भेजने के लिए एक शर्त रख दी थी कि उसे मृत्युदंड या 25 साल से ज्यादा की सजा नहीं दी जाएगी। 2007 में भारत और पुर्तगाल के बीच प्रत्यपर्ण संधि हुई। तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह और पुर्तगाल के राष्ट्रपति अनिबल कवाचो सिल्वा इस समझौते पर दस्तखत किए थे। भारत ने पुर्तगाल की दोनों शर्तों को स्वीकार कर लिया था।
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