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2030 में जेल से छूट जाएगा मुंबई सीरियल ब्लास्ट का दोषी अबू सलेम, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- पुर्तगाल से किया वादा पूरा करना होगा – 1993 mumbai bomb blasts court says center bound to release salem on completion of sentence


Abu Salem News : माफिया डॉन अबू सलेम को फांसी या उम्रकैद की सजा नहीं होगी। भारत सरकार ने पुर्तगाल से उसके प्रत्यर्पण के लिए एक शर्त मानी थी जिसके तहत सलेम को 25 वर्ष से ज्यादा की सजा नहीं दिए जाने का वादा किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भारत सरकार को यह वादा निभाना होगा।

 

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मुंबई सीरियल ब्लास्ट का दोषी अबू सलेम (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: 1993 मुंबई सीरियल बम ब्लास्ट मामले का दोषी अबू सलेम आठ साल बाद जेल से रिहा हो जाएगा। इसकी पुष्टि आज हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भारत सरकार पुर्तगाल सरकार से किए गए वादे का सम्मान करने और 1993 के मुंबई बम धमाकों के मामले में गैंगस्टर अबू सलेम की 25 साल की सजा पूरी होने पर उसे रिहा करने के लिए बाध्य है। सलेम ने कहा था कि 2002 में उसके प्रत्यर्पण के लिए भारत द्वारा पुर्तगाल को दिए गए एक आश्वासन के अनुसार उसकी सजा 25 साल से अधिक नहीं हो सकती है।

सलेम पर फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह कहा

न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने कहा कि केंद्र सरकार संविधान के अनुच्छेद 72 के तहत मिली शक्ति के प्रयोग और सजा पूरी होने को लेकर राष्ट्रीय प्रतिबद्धता के तहत भारत के राष्ट्रपति को सलाह देने के लिए बाध्य है। पीठ ने कहा, ‘जरूरी डॉक्युमेंट्स 25 वर्ष पूरे होने के एक महीने के अंदर आगे बढ़ाए जाएं। वास्तव में सरकार 25 साल पूरे होने पर एक महीने के भीतर सीआरपीसी के तहत छूट के अधिकार का प्रयोग कर सकती है।’

2005 में पुर्तगाल से भारत लाया गया था सलेम

एक स्पेशल टाडा कोर्ट ने 25 फरवरी 2015 को सलेम को 1995 में मुंबई के बिल्डर प्रदीप जैन हत्या करने के एक अन्य मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। जैन के साथ उनका ड्राइवर मेहंदी हसन भी मारा गया था। मुंबई में 1993 के सीरियल बम ब्लास्ट के दोषियों में से एक सलेम को लंबी कानूनी लड़ाई के बाद 11 नवंबर, 2005 को पुर्तगाल से प्रत्यर्पित किया गया था।

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25 वर्ष की गणना पर फंसा पेच

सलेम ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि उसकी 25 वर्ष की सजा में पुर्तगाल में उसकी जेल की अवधि को भी जोड़ी जाए। सलेम के वकील ऋषि मल्होत्रा ने कहा कि सलेम को 2002 में कस्टडी में लिया गया था और भारत उसे 2005 में लाया गया। उसकी हिरासत की अवधि 2002 से काउंट किया जाना चाहिए। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उसे राहत नहीं दी। इस कारण अब भारत सरकार की गणना के मुताबिक उसकी 25 वर्ष की जेल की अवधि नवंबर 2030 में पूरी होगी। भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को नोटिस पर बताया था कि वह पुर्तगाल सरकार के किया वादा निभाएगी और सलेम को 25 वर्ष की सजा के बाद रिहा कर दिया जाएगा। चूंकि सलेम को 11 नवंबर, 2005 को पुर्तगाल से लाया गया था, इसलिए 25 वर्ष की गणना अब से आठ साल बाद 2030 में पूरी होगी।

यूं पुर्तगाल में पकड़ा गया था सलेम

पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन में पुलिस ने अबू सलेम को उसकी कथित प्रेमिका मोनिका बेदी के साथ 2002 में फर्जी दस्तावेजों पर सफर करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। उस दौरान भारत और पुर्तगाल के बीच कोई प्रत्यर्पण समझौता नहीं था इसलिए सलेम को तुरंत भारत नहीं लाया जा सका था। पुर्तगाल ने सलेम को भारत भेजने के लिए एक शर्त रख दी थी कि उसे मृत्युदंड या 25 साल से ज्यादा की सजा नहीं दी जाएगी। 2007 में भारत और पुर्तगाल के बीच प्रत्यपर्ण संधि हुई। तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह और पुर्तगाल के राष्ट्रपति अनिबल कवाचो सिल्वा इस समझौते पर दस्तखत किए थे। भारत ने पुर्तगाल की दोनों शर्तों को स्वीकार कर लिया था।

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Web Title : 1993 mumbai bomb blasts court says center bound to release salem on completion of sentence
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