केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री सिंह ने कहा कि एआई और मशीन लर्निंग जैसी टेक्नोलॉजीज वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) और आयकर रिटर्न में जालसाजी का पता लगाने में मदद कर सकती हैं, जबकि ब्लॉकचेन के जरिये दस्तावेजों और प्रमाणपत्रों को सुरक्षित किया जा सकता है और एनालिटिक्स की सहायता से आंकड़ों पर आधारित निर्णय लिए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि लोक सेवक जल्द ही रोजाना के कामकाज और प्रशासन में इन तकनीकों का इस्तेमाल करेंगे। सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के विकास की कहानी बड़े पैमाने पर शासन में प्रौद्योगिकी को अपनाए जाने से प्रेरित है।
उन्होंने कहा कि टीकाकरण के लिए आधार का इस्तेमाल, दुर्गम इलाकों में वैक्सीन आपूर्ति के लिए ड्रोन का प्रयोग और प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) या एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) के जरिये सरकारी सब्सिडी के हस्तांतरण में अनियमितताओं को रोकने के लिए भारतीयों के जनधन खातों, मोबाइल नंबर और आधार संख्या को आपस में जोड़ना प्रौद्योगिकी को अपनाए जाने के कुछ बेहतरीन उदाहरण हैं।
‘नए विकास को स्वीकार करने के लिए तैयार रहना चाहिए’
सिंह ने दिल्ली स्थित भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए) में केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थानों (सीटीआई) और राज्य स्तरीय प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थानों (एटीआई) के प्रमुखों के लिए ‘सुशासन के लिए उभरती प्रौद्योगिकी’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में अपने समापन भाषण के दौरान ये बातें कहीं। उन्होंने सलाह दी कि हमें विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में होने वाले नए विकास को स्वीकार करने के लिए तैयार रहना चाहिए और हमेशा ऐसी नयी प्रौद्योगिकियों की तलाश करनी चाहिए, जो काम और प्रदर्शन में सुधार लाने में मददगार साबित हों।