ज्यादा आक्रामक शेर… दिमाग की धारणा हो सकती है
सुप्रीम कोर्ट ने याची की ओर से कहा गया था कि संसद की बिल्डिंग के ऊपर जो शेर लगाया गया है वह ज्यादा आक्रमक है और यह राष्ट्रीय प्रतीक के तय डिजाइन की तरह नहीं है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह नियम का उल्लंघन नहीं है और साथ ही कहा कि यह सब लोगों के दिमाग की धारणा हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट में याची की दलील थी कि राष्ट्रीय प्रतीक के तय डिजाइन के संबंध में कलात्मक बदलाव नहीं हो सकता है। याची ने कहा कि इसमें सत्यमेव जयते का लोगो भी नहीं है। इस पर शीर्ष अदालत ने कहा कि यह एक्ट का उल्लंघन नहीं है।
दो वकीलों ने दायर की थी जनहित याचिका
सेंट्रल विस्टा स्थित नए पार्लियामेंट के छत पर लगाये गए राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह में शेर के खुले मुंह और आक्रमक दिखाए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दो वकीलों ने याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता ने कहा था कि राष्ट्रीय प्रतीक सारनाथ के म्यूजियम में रखा गया है और उसमें शेर का मुंह बंद है और शांत चित्त है लेकिन उसके खिलाफ जो शेर सेंट्रल विस्टा इलाके में प्रतीक में दिखाया गया है उसमें शेर को आक्रमक और खुले मुंह का दिखाया गया है। याचिका में कहा गया है कि केंद्र ने डिजाइन चेंज किया है और यह मनमाना है। भारतीय गणराज्य की पहचान राज्य का प्रतीक है और इस पहचान में दखल से देश के लोंगों की भावनाएं आहत हो रही है।